व्यापमं घोटाला: 164 मुन्ना भाई नहीं कर पाएंगे MBBS, प्रवेश निरस्त

भोपाल। मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित पीएमटी 2012 के संदिग्ध विद्यार्थियों पर कार्रवाई तय हो गई है। व्यापमं ने इनके प्रवेश निरस्त कर दिए हैं। सिर्फ आर्डर होना शेष है।

व्यापमं इस सप्ताह एडमिशन निरस्त होने के आर्डर जारी कर सकता है। गौरतलब है कि एसटीएफ ने वर्ष 2012 में आयोजित व्यापमं द्वारा आयोजित पीएमटी फर्जीवाड़े के संदिग्धों की लिस्ट तैयार की थी।

इस सूची में 164 के नाम हैं। इनकी परीक्षा और एडमिशन निरस्त किए जाने की प्रक्रिया पिछले महीने से टल रह थी। पहले चिकित्सा शिक्षा संचालनालय और व्यापमं के बीच मामला उलझा हुआ था। व्यापमं का कहना था कि वे पीएमटी 2012 की परीक्षा निरस्त नहीं कर सकते। उधर डीएमई का कहना था कि बिना परीक्षा निरस्त किए वे संदिग्धों के एडमिशन निरस्त नहीं कर सकते।

इसके बाद मामला शासन के पास पहुंचा था। शासन ने इस मामले में व्यापमं से कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद व्यापमं ने कार्रवाई करते हुए इनके एडमिशन निरस्त कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक इन 164 संदिग्धों में से करीब 150 परीक्षार्थी ऐसे हैं, जो प्रदेश के विभिन्न् मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले चुके हैं। व्यापमं द्वारा पात्रता परीक्षा निरस्त होने के बाद मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से इनके एडमिशन निरस्त किए जाएंगे।

11 ने नहीं दिए जवाब

गांधी मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2009 और 2010 में एडमिशन लेने वाले 25 मुन्नााभाइयों में से 11 ने आरोपों के संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है। इन विद्यार्थियों को बर्खास्त करने से पहले जीएमसी ने कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। इनके खिलाफ पहले से ही थाने में एफआईआर दर्ज है। इसके आधार पर इनके खिलाफ कार्रवाई होना है।

हेमंत का भाई धर्मेंद्र भी गिरफ्तार

पीएमटी कांड के रैकेट की मदद से कंपाउंडर से डॉक्टर बने हेमंत शाक्य के भाई धर्मेंद्र को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस धर्मेंद्र से उसके चयन के साथ-साथ उन छात्रों के नाम भी पूछने की कोशिश कर रही है, जिनका चयन हेमंत ने कराया है। हेमंत का तीसरा भाई सुरेंद्र भी पुलिस की हिरासत में है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है लेकिन पुलिस ने अभी सुरेंद्र के पकड़े जाने की पुष्टि नहीं की है।

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