मुआवजा ना मिला तो माँ बेटे ने आत्महत्या कर ली

लवकुशनगर। छतरपुर जिले के लवकुशनगर में गरीबी और बेगारी के चलते माँ बेटे ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वो कई दिनों से मुआवजे के लिए चक्कर लगा रहे थे, अधिकारियों ने बीते रोज कुछ ऐसी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर दीं कि दोनों की उम्मीदें ही टूट गईं और उन्होंने आत्महत्या कर ली।

इस हादसे के बाद परिवार में शादी के लिए तैयारी बैठी एक बेटी और पागल बेटे के साथ एक नाती और बहु के जीवन यापन का गम्भीर संकट खड़ा हो गया है।

लवकुशनगर के पुराने थाने के मझपटिया मुहाल स्थित पास विधवा शील कुँवर (50) पति राजू सिंह ,और उसके बेटे कल्लू सिंह (26) ने फाँसी लगाकर शाम लगभग 4:30 पर आत्महत्या कर ली। माँ बेटे में अक्सर ही ख़राब फसल के मुआवजे के लिए अधिकारीयों से मिलने को लेकर विवाद होता था। क्योंकि पिता के न रहने के बाद एक पागल बेटे के आलावा बेटी की शादी की भी जिम्मेदारी भी बूढ़े कन्धों पर थी।

घर की लगभग आठ बीघा जमीन में इस बार चने की फसल बोई थी। मृतक कल्लू सिंह कुछ वर्षों पहले ट्रैक्टर कम्पनी में एजेन्ट था। लेकिन कुछ ठण्डे पड़े व्यवसाय के चलते वह खेती करने लगा था। इस वर्ष अतिवृष्टि के चलते लगभग ख़त्म हो गई थी। तीन वर्ष पूर्व शादी के बाद एक बच्चे के पिता बनने से तनाव और बढ़ गया था। रोज की तरह आज भी माँ ने बेटे को मुआवजे में फुर्ती लाने की सलाह दी थी। लेकिन परेशान बेटे ने गरीबी का हल खुद को ख़त्म करने में निकाला। बेटे द्वारा अचानक इस तरह जान देना बर्दास्त नहीं हुआ। और उसने भी मौत को गले लगा लिया।

अब हालात और खराब होने वाले है
विधवा शील कुंवर को विधवा पेन्शन मिलती थी और गरीबी रेखा में शामिल होने के कारण उसी से घर में खर्च चलता था। अब इस परिवार पर गंभीर आर्थिक संकट आ गया है। परिवार के जीने के दोनों सहारे ख़त्म होने के बाद सभी सदस्य गहरे सदमे में है। कल्लू सिंह की पत्नी पिन्की सिंह अपने मायके अटकौहा से चने का बीज बाढ़ि में लेकर आई थी। उसे चुकाने के लिए भी चने नहीं हुए यह भी घर में कलह का एक कारण बना हुआ था।

शीघ्र ही सहायता राशि दी जायेगी
घटना के बारे में जानकारी देते हुए एसडीएम लवकुशनमगर हेकरण धुर्वे ने बताया कि आत्महत्या का कारण क्या है। जाँच के बाद ही पता चलेगा।अभी सर्वे की जाँच जारी है। इनका नाम सर्वे में है या नहीं जानकारी नहीं है। यदि चने की फसल बोई गयी है तो मुआवजा शीघ्र दिया जायेगा।

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