भोपाल। अध्यापकों के वेतन से काटा जा रहा अंशदायी पेंशन का 10 प्रतिशत पता नहीं कहां गायब हो गया है। अध्यापकों के पास इसका कोई हिसाब नहीं है। वो खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
भोपालसमाचार.कॉम को मिले एक ईमेल में पीड़ित अध्यापकों ने अपनी समस्या जाहिर की है, पढ़िए क्या लिखा है इसमें:—
हम अध्यापको के साथ सरकार फिर से एक बड़ा धोखा कर रही है - 1 अप्रैल 2013 से अंशदायी पेंशन के लिए हमारे मूल वेतन और ग्रैड पे के साथ डीए के योग का 10 प्रतिशत वेतन में से काटा गया किन्तु एनपीएस में केवल मूल वेतन और डीए के योग का 10 प्रतिशत ही सरकार द्वारा जमा किया जा रहा हे। अर्थात ग्रैड पे का 10 प्रतिशत काटा तो जा रहा है परन्तु हमारे अकाउंट में इसे जमा नहीं किया जा रहा है।
इस प्रकार सहायक अध्यापक , अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक से प्रतिमाह क्रमशः १२५, १६५, और १९० रूपये काटे जा रहे हैं अर्थात प्रति वर्ष क्रमशः 1500, 1980, और 2280 रूपये काटे जा रहे हैं, जिसका हिसाब नहीं है। इसी प्रकार हमारी पेंशन की राशि तत्काल जमा नहीं करते हुवे लगभग एक वर्ष बाद जमा कर रही है इस प्रकार प्रत्येक माह की राशि का एक वर्ष का ब्याज भी सरकार डकार गई है। यहाँ तक की अध्यापक बनने और फॉर्म जमा करने के 2 वर्षो बाद भी कुछ साथियो के तो प्रान नंबर भी जारी नहीं किये जा रहे हे जिससे हमारे साथियो को काफी नुकसान हो रहा है।
इस सम्बन्ध में हम सभी को आवश्यक कदम उठाने चाहिए और हम में से प्रत्येक को यदि संभव हो तो मुख्य मंत्री , शिक्षा मंत्री , और आयुक्त लोक शिक्षण क़ो मिलना या पत्र लिखना चाहिए।