महिला संविदा कर्मचारी: रिहा होते ही फिर आंदोलन शुरू, अब भूख हड़ताल का एलान

भोपाल। नियमितीकरण के लिए दोबारा परीक्षा नहीं दिये जाने की मांग को लेकर कल शांति पूर्वक अपनी मांगों के समर्थन में रैली निकाल रहीं संविदा सुपरवाईजरों ने गिरफ्तार होकर रिहा होने के बाद फिर से आंदोलन करना प्रारंभ कर दिया है। संविदा सुपरवाईजर गिरफ्तारी से डरी नहीं आंदोलन के लिए और डट गई हैं।

म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर और महिला बाल विकास सर्व पर्यवेक्षक समिति की अध्यक्ष नाहिद जहां के नेतृत्व में हड़ताल के चौथे दिन अपनी मांगों को लेकर नीलम पार्क में प्रदर्शन कर अनिश्चित कालीन आंदोलन प्रारंभ कर दिया है । कल मंगलवार से क्रमिक भूख हड़ताल प्रारंभ की जायेगी । जिसमें प्रतिदिन दस महिलाएं भूख हड़ताल पर रहेंगी । गिरफतार होने के बाद रिहा होकर आज सोमवार को सभी महिला संविदा सुपरवाईजर अपने पुराने आंदोलन स्थान यादगारे शहाँजहाँनी पार्क पहुंची वहां पर पुलिस वालों ने काफी हुज्जत की और पार्क में नहीं घुसने नहीं दिया, सभी महिला संविदा सुपरवाईजर रोशनपुरा चैराहे पर पहुंची वहां पर पुलिस पहुंच गई उसके बाद एस.डी.एम. ने नीलम पार्क में आंदोलन की अनुमति दी । 

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि सरकार महिला आंदोलन कारियों से डर गई है जिसके कारण उन्हें आंदोलन नहीं करने दे रही है यह लोकतंत्र की हत्या है सरकार महिला अंादोलन कारियों को डराने धमकाने का काम कर रही है इसी कारण आज दिन भर पुलिस उनको परेशान करती रही । गौरतलब है कि एक बार व्यापम की परीक्षा देकर नियुक्त हुई संविदा सुपरवाईजरों (पर्यवेक्षक) को नियमित करने के लिए मंत्री परिषद के निर्णय कि इन महिला पर्यवेक्षकों को दुबारा परीक्षा में बैठाना होगा, के निर्णय के विरोध कर रही हैं । वहीं सरकार ने गुरूजी पात्रता परीक्षा में फेल 7717 गुरूजियों को तो सीधे संविदा शिक्षक बनाकर उन्हें नियमितीकरण की सौगात दे दी गई क्योंकि वे तीन वर्ष के पश्चात् नियमित अध्यापक बन जायेंगे। महासंघ ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार अपने मंत्री परिषद के निर्णय को बदल नहीं देती तब यह आंदोलन जारी रहेगा । 

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