भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश में असामायिक वर्षा और ओला वृष्टि ने खेती पर जो तांडव किया है वह अब तक की प्रदेश में सबसे बडी प्राकृतिक आपदा साबित हुई है।
किसान इस आपदा से हताश है। राज्य सरकार अपने संसाधनों से पहले ही 2 हजार करोड़ रू. की राहत मंजूर कर चुकी है जो कि परिस्थितियों को देखते हुए नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में राज्य की सहायता के लिए केन्द्र को उदारतापूर्वक पूर्वाग्रह मुक्त होकर तत्काल 5 हजार करोड़ रू. की विशेष राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री षिवराजसिंह चौहान द्वारा राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी से मांग की जा चुकी है, लेकिन अभी तक आशाजनक सकारात्मक पहल के संकेत नहीं मिले है जो कि संविधान की संघीय भावनाओं का निरादर है तथा मध्यप्रदेश की जनता के प्रति राजनैतिक दुर्भावनाओं से ग्रस्त है। मध्यप्रदेश भी भारतीय गणतंत्र का अंग है और आपदा राहत के लिए केन्द्रांश का संवैधानिक हकदार है, अतः केन्द्र सरकार 5 हजार करोड़ की राशि प्रदाय कर प्रदेश के किसानों की इस आपदा में मदद करने का कार्य करे।
श्री नरेन्द्रसिंह तोमर ने प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया है कि 5 मार्च तक इस दिशा में प्रभावी पहल करे और प्रदेश में हुई इस त्रासदी से किसानों का मनोबल टूटा है जिसे संभालने की आवष्यकता है। इस हेतु आर्थिक सहायता राहत का एक बड़ा कदम होगी। जिसका केन्द्र सरकार के द्वारा दिया जाना अपेक्षित है।
उन्होंने कहा कि 2010 से लेकर आज तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के आपदा राहत के लिए कई बार केन्द्र से अनुरोध किया है, पंरतु देखा गया है कि श्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार को कांग्रेसनीत केन्द्र सरकार ने हमेशा निराश किया है, व यथोचित राहत प्रदाय करने में हमेशा भेदभाव किया है।
केन्द्र ने मध्यप्रदेश को आज तक कभी भी संतोषजनक कोई भी मदद नहीं की है, जो की दुखद है। आज किसानों की इस असहनीय पीड़ा में मध्यप्रदेश की सरकार के आर्थिक संसाधन सीमित व कम पड रहे है, इसलिए अपेक्षा है कि किसानों की इतनी बडी त्रासदी में कांग्रेस की केन्द्र सरकार भी आपदा राशि प्रदाय कर मदद करे। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेसनीत केन्द्र सरकार 5 मार्च तक राहत राशि प्रदाय नहीं करती है तो मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी 6 मार्च को प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी। जिसका खामियाजा कांग्रेसनीत यूपीए सरकार को भुगतना पड़ेगा।