राकेश दुबे@प्रतिदिन। राजनीति में कब कौन किसके साथ होगा और कौन किसका अब विरोध करेगा| कहना संभव नहीं है| एक पखवाड़े पूर्व जिस नरेंद्र मोदी के पक्ष में क्लीन चिट जारी कर वाहवाही लूटने वाले शरद पवार ने अब पाला बदल लिया है| शरद पवार ने यू-टर्न लेते हुए मोदी को तानाशाह बताया और कहा मोदी विकास की जितनी डींग मारते हैं।
वास्तव में गुजरात में उतना विकास नहीं हुआ। पवार ने कहा कि हमने गुजरात का विकास और नरसंहार दोनों देखें हैं। पवार ने कहा कि देश को आम लोगों की जिंदगी बदलने वाले नेता की जरूरत है। देश में अल्पसंख्यक समाज आज भी सबसे पिछड़ा है।
पवार ने ये भी कहा कि जो विकास हुआ है उसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों मे कहा कि देश की सत्ता किसी तानाशाह के हाथ में नहीं जानी चाहिए। पवार ने खुद के लिए कहा कि वो कभी भी धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं करेंगे।
पवार के इस बयान के बाद राजनीति हलको में इसके कुछ और अर्थ निकले जाने लगे हैं| कुछ इसे संकट में सारी कांग्रेस को फिर से एकजुट होने का संकेत मान रहे हैं, कुछ इसे पवार की प्रधानमंत्री पद की अभिलाषा का हिस्सा मान रहे हैं, तो कुछ इसे पवार के अगुवाई में किसी अन्य मोर्चे की सम्भावना से जोड़ रहे हैं|
भारतीय जनता पार्टी भी दूसरी और इसे कांग्रेस के प्रचार के एक अंग मान रही है | भाजपा की विश्वास है की उसके गठबंधन को 217 सीटें मिलेंगी|
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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rakeshdubeyrsa@gmail.com
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