भोपाल। यशोधरा राजे सिंधिया के विधानसभा में आने के बाद खाली हो गई ग्वालियर सीट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की नजर थी, लेकिन अब उनकी टेंशन बढ़ गई है क्योंकि ग्वालियर से चुनाव मैदान में स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया आने वाले हैं।
इसके लिए एक औपचारिक प्रस्ताव ग्रामीण कांग्रेस ने पारित कर दिया है जो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास भेजा जाएगा।
शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में हुई ग्रामीण कांग्रेस की बैठक तो लोकसभा चुनाव की तैयारियों और आगामी कार्यक्रमों की रुपरेखा को लेकर आयोजित की गई थी, लेकिन इसमें जैसे ही अमिताभ सिंह हरसी ने सिंधिया को ग्वालियर से प्रत्याशी बनाए जाने का प्रस्ताव रखा तो सनाका खींच गया। क्योंकि ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ खुद लोकसभा के लिए टिकट मांग रहे हैं और विधायक लाखन सिंह अपने भतीजे संजय सिंह यादव के लिए प्रयासरत हैं। युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष केदार कंसाना युवा कोटे से इंटरव्यू भी दे चुके हैं।
पारित करना पड़ा प्रस्ताव
हरसी द्वारा रखे गए प्रस्ताव को मजबूरन पार्टी के अन्य नेताओं को स्वीकार करना पड़ा और विधिवत इसे पारित भी कर दिया। मोहन सिंह राठौड़ द्वारा जारी विज्ञप्ति में इस आशय का प्रस्ताव पारित किए जाने की बात स्वीकारी है।
कुछ पुरानी यादें
इस बात में दम है कि सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ेंगे। यूं तो ग्वालियर और गुना दोनों ही लोकसभा सीटों पर सिंधिया का कब्जा हमेशा से रहा है परंतु इतिहास गवाह है, जब जब दोनों में से किसी एक का चुनाव करने का वक्त आया तो सिंधिया परिवार ने हमेशा ग्वालियर को ही प्राथमिकता दी है। बस एक बार माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर को छोड़कर गुना से चुनाव लड़ा था। उन दिनों सिंधिया विरोध के एक लहर सी चल पड़ी थी परंतु इस बार मामला वैसा नहीं है। ग्वालियर की जनता भी सिंधिया के फेवर में हैं। उन्हें मालूम है कि सिंधिया के विकल्प के रूप में जयभान सिंह पवैया को चुनने के बाद उन्हें बदहाली के अलावा कुछ नहीं मिला। ग्वालियर के पास जो कुछ था वो भी जाता रहा। अब ना वहां रेल रुकतीं हैं या प्लेन और ना ही कोई इंटरनेशनल क्रिकेट मैच होता है। ग्वालियर की शान रहा ग्वालियर मेला भी फीका पड़ गया है। बीजेपी इस मेले को कभी कैश नहीं करा पाई। इस बार भी नरेन्द्र सिंह तोमर ने मेले को अपने हाल पर ही छोड़ दिया और पहली बार ऐसा हो रहा है कि मध्यप्रदेश को पता ही नहीं चल रहा कि ग्वालियर मेला लग गया है।
कुल मिलाकर ग्वालियर में सिंधिया के लिए कई पॉजिटिव पाइंट्स हैं। लोकसभा का ज्यादातर इलाका शहरी है इसलिए वोटर्स लॉजिकल बातें समझ लेते हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के अकेले ऐसे नेता हैं जो ठेठ गंवईं गांववालों से लेकर हाईली क्वालिफाइड वोटर्स तक सबको उन्हीं की लेग्वेज में अपनी बात समझा देते हैं।