भोपाल के बेरोजगारों को 2.5 करोड़ का चूना लगा गए सतना के ठग

भोपाल। जानकार आश्चर्य होगा परंतु सतना से आए कुछ जालसाजों ने सुनियोजित षडयंत्र के तहत भोपाल के करीब एक सौ से ज्यादा बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर चूना लगा डाला। इतना ही भोपाल के कुछ दूसरे लोगों को भी कंपनी में इन्वेस्टमेंट के नाम पर चूना लगाया और फरार हो गए।

कुछ समय पहले न्यूमार्केट स्थित जीटीवी कॉम्पलेक्स में एक आफिस खुला। लक्झरी आफिस, कुछ युवा जो खुद को साफ्टवेयर इंजीनियर बताते थे और कुछ खूबसूरत लड़कियों के साथ कारोबार की शुरूआत हुई। कंपनी का नाम था Tech Adobe IT Solution Pvt Ltd । बताया गया कि यह एक सॉफ्टवेयर कंपनी है, बेरोजगारों को साफ्टवेयर बनाने की ट्रेनिंग देगी और फिर पक्की नौकरी भी।

ट्रेनिंग के नाम पर 15 से 25 हजार रुपए प्रति बेरोजगार वसूल किए। इस दौरान कुछ लोकल के लोगों से भी संपर्क किया। अपने आफिस इनवाइट किया। लक्झरी आफिस, खूबसूरत लड़कियां और प्रोफेशनल प्रेजेंटेशन ने उन लोगों को भी इस कंपनी की ओर आकर्षित कर लिया जो आईटी और साफ्टवेयर के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे।

उन्हें बताया गया कि Tech Adobe IT Solution Pvt Ltd एक साफ्टवेयर कंपनी है। विदेशों से साफ्टवेयर बनाने का काम ले रही है। काम की कोई कमी नहीं है, बस करने वालों की कमी है। इसलिए बेरोजगारों को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वो विदेशों की तुलना में सस्ते इंजीनियर बन सकें और इस तरह से कंपनी मोटा मुनाफा कमाने वाली है।

कुछ लोगों से इन्वेस्टमेंट करवाया गया तो कुछ लोगों पर इमोशनल अत्याचार हुए। उनसे रुपए उधार लिए गए और एक दिन अचानक सबकुछ बंद करके कंपनी के संचालक फरार हो गए। पीड़ित बेरोजगार और इस कंपनी के जाल में फंसे कुछ लोग अभी भी अपना पैसा वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं जब​कि कई लोग पुलिसिया झंझट से परेशान होकर अपना पैसा डूबा हुआ मानकर घर बैठ गए हैं।

इस कंपनी और इसके संचालकों के खिलाफ भोपाल में पुलिस थाने से लेकर सीएम तक शिकायतें की गईं हैं, सभी शिकायतें जांच की प्रक्रिया में हैं और पीड़ित अपने हाथों में सबूत लिए घूम रहे हैं। देखना रोचक होगा कि भोपाल का पुलिस प्रशासन क्या सतना के इन शातिर ठगों को दबोच पाएगा।

बदलते रहते थे डायरेक्टर

कंपनी के डायरेक्टर एवं अधिकारी ऑफिस में ताला लगाकर फरार हो गए हैं। उन्होंने कंपनी में काम कर रहे करीब 65-70 कर्मचारियों को भी वेतन नहीं दिया। इतना ही नहीं इन कर्मचारियों से भी कंपनी में नौकरी लगाने के नाम पर पांच से दस हजार रुपए वसूल किए गए थे। कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को यह जानकारी नहीं थी कि कंपनी का डायरेक्टर है कौन? कंपनी के डायरेक्टर बदलते रहते थे। इसमें नितिन मोटवानी, सुमित ̈सह, शुभम पांडे, मयूर आहूजा, नेहा सह और दीपमाला समय-समय पर बदलते रहते थे।

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