भोपाल। सर्विस सेक्टर की बात अगर होती है तो लोग मुंबई, दिल्ली और चेन्नई की बात करते हैं। दिल्ली के अलावा अन्य उत्तर भारतीय शहरों की बात करें तो चंडीगढ़ (हरियाणा के पंचकुला और पंजाब के मोहाली समेत) और लखनऊ की बात होती है।
लेकिन आपको यह जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि अब इस क्षेत्र में राजस्थान की राजधानी जयपुर और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल नए डेस्टिनेशन बनकर उभरे हैं। इन शहरों ने चंडीगढ़ और लखनऊ जोन को पीछे छोड़ दिया है। इस बात का खुलासा वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार सर्विस टैक्स वसूली के आंकड़ों से हुआ है।
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की तरफ से एनएसडीएल आंकड़ों का संग्रहण करती है। एनएसडीएल द्वारा वित्त वर्ष 2013-14 के अप्रैल से नवंबर तक के लिए तैयार आंकड़ों को देखें तो सर्विस टैक्स वसूली में देश के 12 शीर्ष जोनों में अब जयपुर और भोपाल शामिल हो गए हैं।
हालांकि इस सूची में शीर्ष पर मुंबई, दिल्ली और चेन्नई आज भी कायम हैं, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इन शहरों में सर्विस टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी दर जहां दस-बारह फीसदी तक ही है, वहीं जयपुर में वृद्धि दर 27.7 फीसदी दर्ज की गई है जो देश के सभी जोनों में सबसे ज्यादा है।
भोपाल जोन में भी सर्विस टैक्स वसूली की वृद्धि दर 19.9 फीसदी है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल आलोच्य अवधि के दौरान जयपुर जोन में 1570 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि एक वर्ष पहले इसी अवधि के दौरान 1229 करोड़ रुपये ही मिले थे। इसी तरह भोपाल जोन में इस वर्ष 1408 करोड़ रुपये मिले जबकि एक वर्ष पहले इन्हीं महीनों के दौरान 1174 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ था।
अधिकारियों का कहना है कि भोपाल और जयपुर में रियल एस्टेट से जुड़े कारोबार में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा इन शहरों में सूचना तकनीक से जुड़े उद्योग का भी विस्तार हुआ है। सर्विस सेक्टर में पारंपरिक रूप से आने वाले क्षेत्र जैसे आतिथ्य एवं खानपान, पर्यटन आदि में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।
राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो मुंबई जोन अब भी नंबर वन है जिसका योगदान कुल वसूली में 34.4 फीसदी है। इस वर्ष नवंबर तक वहां से 62,000 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। दिल्ली जोन भी दूसरे स्थान पर है जहां आलोच्य अवधि के दौरान 36,000 करोड़ रुपये की वसूली हुई। इस साल मुंबई में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जबकि दिल्ली क्षेत्र में 12.5 फीसदी की।