नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ट्रस्टीज की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में मौजूदा वित्त वर्ष 2013-14 के लिए 9.5 प्रतिशत की ब्याज दर की मांग करेंगे। ईपीएफओ के पांच करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं हैं।
ईपीएफओ की नीति निर्माण करने वाली सर्वोच्च संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की अगले सोमवार को बैठक होने वाली है। इसमें 2013-14 के भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा और इस संबंध में फैसला किया जाएगा।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन के सचिव और सीबीटी के सदस्य डी. एल. सचदेव ने कहा, 'हम चालू वित्त वर्ष में अपने उपभोक्ताओं के लिए 9.5 प्रतिशत ब्याज दर की मांग करेंगे, जो 2012-13 में दी गई ब्याज दर 8.5 प्रतिशत से अधिक है।'
सचदेव ने कहा कि 8.5 प्रतिशत की ब्याज बैंकों द्वारा इन दिनों में मुहैया कराई जाने वाली ब्याज दर से कम है और मंहगाई का समाधान इसमें शामिल नहीं होगा। औद्योगिकी कामगारों के लिए नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 11.47 प्रतिशत रही। इसी मुद्रास्फीति के आधार पर केंद्र सरकार मंहगाई भत्ते में बढ़ोतरी का आकलन करती है।
ईपीएफओ ने अपने ट्रस्टी के लिए तैयार प्रस्ताव के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर के भुगतान पर 56.96 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि बचेगी।