भोपाल। पीएमटी फर्जीवाड़े के आरोपी 10 छात्रों द्वारा जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज पेश करने का मामला सामने आया है। एक शिकायत के आधार पर हाई कोर्ट द्वारा करवाई गई जांच में इसका खुलासा हुआ।
गुरुवार को फर्जीवाड़े के सरगना डॉ. जगदीश सागर सहित 28 आरोपियों की आरोप तर्क के लिए कोर्ट में पेशी हुई। इनमें जमानत पर रिहा 10 छात्र शामिल थे। विशेष न्यायालय ने उनकी जमानत निरस्त कर दोबारा जेल भेज दिया। हालांकि एक छात्र की ओर से असली दस्तावेज पेश करने पर उसे दोबारा जमानत मिल गई। अब 3 फरवरी को बहस होगी।
जिला लोक अभियोजक रवींद्रसिंह गौड़ के मुताबिक अदालत को गोपनीय शिकायत मिली थी कि जिन आरोपियों को जमानत दी गई, उनमें कुछ के जमानत दस्तावेज फर्जी हैं। इस पर तहसीलदार देपालपुर से जांच कराई गई, जिसमें आरोपी छात्र हरिकिशन, मोहम्मद रिजवान, अभिषेक, राहुल सोनी, विकास यादव, दिवाकर, रामबाबू यादव, वीरेंद्र, अखिलेश मदसिया एवं अक्षय यादव की ओर से जमानतदारों द्वारा पेश जमीन मालिकी के दस्तावेज फर्जी पाए गए।
इस पर अदालत ने इनकी जमानत निरस्त कर जेल भेजने के आदेश दिए। राहुल सोनी की ओर से असली जमानत दस्तावेज पेश कर दिए गए। इस पर उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। बाकी आरोपियों को भी असली दस्तावेज प्रस्तुत करने पर दोबारा जमानत मिल जाएगी।