उपदेश अवस्थी। इसमें कोई दोराय नहीं कि शिवराज सिंह चौहान एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है जिसकी थाह पाना किसी भी पारखी के लिए आसान नहीं है। उस वक्त जब सभी नेता वेट एंड वॉच की पोजीशन में हैं, शिवराज सिंह चौहान ने कामकाज शुरू कर दिया।
दिनांक 2 दिसम्बर 2013 सोमवार। यह वो तारीख है जब मध्यप्रदेश में मतदान सम्पन्न हुए एक सप्ताह बीत चुका है और चुनाव परिणाम घोषित होने में एक सप्ताह शेष है। पूरी राजनीति में एक शून्य की स्थिति है। लोग जीत हार के कयास लगा रहे हैं, प्रत्याशी और चुनाव से सीधे जुड़े नेता मतगणना में अपनी भूमिका और रणनीति बना रहे हैं। पूरे मध्यप्रदेश में राजनीति से जुड़ा कोई भी व्यक्ति फिलहाल कोई काम नहीं कर रहा है। सब कुछ वेट एंड वॉच मोड पर डला हुआ है।
लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपना आफिस ज्वाइन किया और कामकाज शुरू कर दिया। 8 दिसम्बर को क्या होगा क्या नहीं होगा, किसकी बनेगी सरकार और मंत्रीमंडल कैसा होगा, ऐसे सैंकड़ों सवालों के बेफिकर शिवराज सिंह चौहान ने भावी योजनाओं पर काम किया। थोड़ा बहुत नहीं पूरे 9 विभागों की समीक्षा की, भावी योजनाओं से अफसरों को अवगत कराया और तैयारियों के निर्देश दे दिए।
शपथग्रहण कहां और कैसा होगा, इससे बेफिकर शिवराज सिंह चौहान ने यह भी तय कर दिया कि सरकार बनने के तत्काल बाद घोषणाओं का लोकर्पण शुरू कैसे होगा। सोमवार को शिवराज सिंह चौहान की एक्टिविटी देखने के बाद स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि शपथग्रहण के एक सप्ताह बाद शिवराज सरकार की स्पीड बिल्कुल वैसी ही दिखाई देगी जैसी कि आचार संहिता लागू होने से पहले थी या फिर शायद उससे कहीं ज्यादा।
शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले ज्यादा से ज्यादा घोषणाओं पर अमल होते हुए दिखा देंगे और फिर विकास के वादों के नाम पर नहीं बल्कि विकसित प्रमाणों को पेश कर लोकसभा के लिए वोट मांगे जाएगा।
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हेड्स आफ टू यू शिवराज