भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार बनते ही शिप्रा-नर्मदा लिंक परियोजना का लोकार्पण हो जाएगा। सीएम ने इसकी तैयारियों के आदेश दे दिए हैं और अफसर पूरी तेजी से जुट गए हैं।
उज्जैन व देवास जैसे नगरों के साथ 150 से अधिक गांवों में पेयजल पहुंचाने और 17 लाख एकड़ में सिंचाई सुलभ करने के उद्देश्य से नर्मदा-शिप्रा का मिलन इसी माह हो जाएगा। केवल दो प्रतिशत काम बाकी है।
सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अफसरों को 15 दिसंबर तक काम पूरा करने और प्रोजेक्ट के लोकार्पण की तैयारियों के निर्देश दिए। बीते साल 29 नवंबर को शिप्रा-नर्मदा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। 432 करोड़ की लागत से अब यह काम पूरा होने को है। शिवराज इसका लोकार्पण 364 दिन में ही चाहते थे। आचार संहिता के कारण बात को आगे बढ़ाना पड़ा। हालांकि अफसरों की निगाह नई सरकार पर भी है।
...और बहते-बहते नर्मदा का गंगा से होगा संगम
नर्मदा का पानी शिप्रा में छोड़ा जाएगा तो वह आगे चंबल में भी बहेगा। यह पानी उप्र के जालौन जिले की माधवगढ़ तहसील में यमुना में मिलेगा। आगे बढ़कर इलाहाबाद में गंगा से नर्मदा का मिलन होगा। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से नर्मदा-यमुना और गंगा मिल जाएंगी।
मालवा को ये फायदा
: 150 से अधिक गांवों के साथ उज्जैन व देवास के पेयजल की आवश्यकता की पूर्ति होगी। 2016 के सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को साफ पानी मिलेगा
: मालवा क्षेत्र में 17 लाख एकड़ में सिंचाई सुलभ होगी।
: औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
पाइप लाइन : 98% काम पूरा- 49 किमी की लाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है। दो प्रतिशत काम बाकी है।
तीन पंपिंग स्टेशन : 5% काम शेष- सिसलिया, गवालू और बाईग्राम के तीन पंपिंग स्टेशन का बाकी बचा 5% काम आठ दिन में पूरा करने के निर्देश।
बिजली कनेक्शन : 20% काम शेष- पंपिंग स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर बिजली का काम 80% पूरा हो चुका है।