गैरतगंज (राकेश गौर)। छात्र छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा देने के उददेश्य से राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा लागू की गई कम्प्यूटर हेडस्टार्ट योजना गैरतगंज में फ्लाप शो साबित हो गई है। विकासखंड अंतर्गत कई हेडस्टार्ट केन्द्र बंद पडे हुए है।
विशेषकर ग्रामीण छात्रों को कम्प्यूटर शिक्षा का ज्ञान पहुंचाने वाली सर्व शिक्षा अभियान की इस महत्वाकांक्षी योजना को विभाग की अनदेखी से पलीता लग रहा है तथा कम्प्यूटर कबाड़ हो गए हैं। साथ ही कई स्थानों पर अन्य कार्यो में इनका उपयोग किया जा रहा है। वही रखरखाव के नाम पर आने वाली राशि का गोलमाल भी किया जा रहा है।
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा कक्षा 1 से 8 तक के छात्र छात्राओं को नियमित पाठ्यक्रम के साथ कम्प्यूटर षिक्षा में पारंगत करने के लिए कम्प्यूटर हेडस्टार्ट योजना लागू है। जनपद षिक्षा केन्द्र गैरतगंज के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में इन केन्द्रों की स्थापना टेकापार गढी, गैरतगंज, गढी, हरदौट, सोडरपुर, देहगाॅव, आलमपुर,बाढेर एवं समनापुरकलां में की गई थी। अपने प्रारम्भ समय से ही गैरतगंज तहसील में यह योजना साकार रूप नही ले पाई है। वर्षो से इन केन्द्रों पर रखे दर्जनों कम्प्यूटर शो पीस बने रहकर बेकार साबित हो रहे है। केन्द्र प्रभारियों ने महिनों से कम्प्यूटर कक्षों के ताले तक नही खोले है। वहीं कई केन्द्रों पर चालू हालत वाले कम्प्यूटरों का उपयोग विभिन्न विभागांे में अन्य कार्यो के लिए किया जा रहा है।
षासन के षिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान बढानें के उदेदष्य को लेकर लागू हुई यह योजना भटकती हुई जनपद षिक्षा केन्द्र गैरतगंज के स्कूलो में ठंडे बस्ते में पडी हुई है। करोडो रूपये की इस योजना में षासन के ही लोगो द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। स्थानीय प्रषासन भी इन केन्द्रो को चालू करवाने के बजाये मूक दर्षक बना देख रहा है। शासन स्तर से इन हेडस्टार्टर केन्द्रों पर कम्प्यूटर षिक्षा प्रदान करने के लिए एक एक षिक्षक को कम्प्यूटर में प्रषिक्षित भी किया गया था जो अब इस आड में मौज उडा रहे है। साथ ही ब्लाक स्तर पर भी एक एमआईएस समन्वयक की तैनाती की गई है। वह भी इस पद पर रहते हुए अपने कार्यो की खानापूर्ति भर कर रहे है। शासन द्वारा इन केन्द्रों पर रखरखाव हेतु बडी मात्रा में सालाना राषि भी दी जाती है जिसका गोलमाल भी अधिकारियों के संरक्षण में केन्द्र प्रभारियों द्वारा किया जा रहा है।
निर्देशों पर नही हुआ अमल
गत वर्ष कम्प्यूटर हेडस्टार्ट केन्द्रों के बंद होने संबंधी षिकायतों पर संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर ने तत्काल इन केन्द्रों को व्यवस्थित कर इनके नियमित संचालन के आदेष दिए थे। तथा केन्द्र बंद रहने पर उत्तरदायी लोगो पर कार्रवाई करने के निर्देष भी दिए थे। परन्तु विभागीय स्तर पर कराई गई जांच में जिला षिक्षा केन्द्र एवं जनपद षिक्षा केन्द्र के अधिकारियों ने कागजी कार्रवाई पूरी कर इन केन्द्रों को चालू बता दिया। जो कि वास्तविकतासे कोसो दूर है। कलेक्टर के इन निर्देषों को धता बताते हुए वर्तमान में भी हेड स्टार्ट केन्द्र ठप्प पडे हुए है तथा विभागीय स्तर पर कोई इसकी सुध नही ले रहा है। षिक्षा विभाग के अधिकारी इस नियमित कार्य में बजट का रोना रोकर अपने गैर जिम्मेदाराना रवैए पर पर्दा डाल रहे है।
बजट का है अभाव
हेडस्टार्ट केन्द्रों के संचालन के लिए रखरखाव की राषि प्राप्त नही हो रही है। इसलिए कई स्थानों पर केन्द्र बंद है। शासन से बजट आने का इंतजार किया जा रहा है।
सीबी तिवारी, डीपीसी रायसेन