भोपाल। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर ट्रैफिक पुलिस चालान के पैसे नहीं लेगी। पुलिस सिर्फ चालान बनाकर नोटिस भेजेगी। यदि दोषी पाए गए तो कोर्ट में जुर्माना जमा करना पड़ेगा। गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने पुलिस को नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।
प्रयोग के तौर पर यह व्यवस्था राजधानी सहित प्रदेश के सभी महानगरों में शुरू की जा रही है। गृहमंत्री के अनुसार, इस व्यवस्था से पुलिस पर वसूली और भ्रष्टाचार करने के आरोप नहीं लगेंगे और छवि धूमिल नहीं होगी। गृहमंत्री ने बुधवार को भोपाल के डीआईजी डी. श्रीनिवास वर्मा को अपने निवास पर बुलाकर निर्देश दिए कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को पहले चेतावनी देकर छोड़ा जाए।
यदि इसके बाद गलती पाई जाती है तो नोटिस भेजा जाए। पहली बार में ऐसी धाराओं में केस दर्ज करें। इसके बाद भी कोई नियमों को ताक पर रखता है तो उसके खिलाफ सख्ती से पेश आएं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने शपथ लेने के बाद पुलिस मुख्यालय में कहा था कि ट्रैफिक पुलिस चालान बंद करे। तब अफसरों ने किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए राशि जुटाने का हवाला देकर इसे जारी करने की दलील दी थी लेकिन गौर ने इसे बंद करने के निर्देश दिए हैं।
बिना नंबरप्लेट के वाहन नहीं छूटेंगे
पुलिस का कहना है कि बिना नंबरप्लेट वाले वाहन पकड़े जाने पर नहीं छोड़े जाएंगे। इसके लिए गाड़ी मालिक को कागजात दिखाने पर जुर्माना जमा करना ही होगा। लेकिन लाइसेंस नहीं होने अथवा नियमों का उल्लंघन करने पर नोटिस भेजा जाएगा।
5 जनवरी से औचक निरीक्षण
गृहमंत्री ने बताया कि 5 जनवरी से यातायात सुधार सप्ताह शुरू किया जाएगा। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस शहरों के मुख्य चौराहों व जिन स्थानों पर जाम की स्थिति बनती है, वहां तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि वे स्वयं आकस्मिक तौर पर व्हीकल ड्राइव पर निकलेंगे। गौर ने कहा कि प्रदेश की यातायात व्यवस्था को ठीक करना उनकी प्राथमिकता है। नई व्यवस्था दो दिन में शुरू हो जाएगी। नियमों का उल्लघंन करने पर चालान करने की बजाय पंचनामा बनाकर 15 दिन में जुर्माना जमा करने का प्रावधान है।