भोपाल। अब पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के स्कोर के आधार पर भी भर्ती की जा सकेगी।
पहले यह सुविधा सिर्फ ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) पास करने वाले परीक्षार्थियों को ही मिलती थी। यूजीसी द्वारा पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को इसकी मंजूरी देने की तैयारी की जा रही है। अब तक नेट क्वालिफाइड उम्मीदवार केवल जूनियर रिसर्च फैलोशिप व लेक्चरशिप के लिए ही पात्र होते थे।
जानकारी के अनुसार यूजीसी द्वारा अभी सिर्फ एक-दो कंपनियों को ही इसकी मंजूरी देने की बात सामने आई है। यूजीसी जल्द ही बाकी की पब्लिक सेक्टर कंपनियों को भी इसकी मंजूरी दे देगा। इसका फायदा उन नेट क्वालिफाइड उम्मीदवारों को होगा जो जूनियर रिसर्च फैलोशिप या लेक्चरशिप के बजाय पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में नौकरी करना चाहते हैं। अभी यह सुविधा केवल गेट क्वालिफाइड उम्मीदवारों को ही मिल रही है। गेट के स्कोर के आधार पर उम्मीदवारों को एनटीपीसी, भेल, एनएलसी, पॉवर ग्रिड जैसी पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में नौकरी की पात्रता दी जा रही है।
भोपाल में यूजीसी-नेट परीक्षा के समन्वयक डॉ. निर्मल चंद्र जैन के अनुसार अभी इस निर्णय की अधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन इसके प्रस्ताव पर सहमति बनने की बात सामने आई है। उनका कहना है कि यूजीसी की इस नई पहल से नेट के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में इजाफा होगा। अभी मध्यप्रदेश से नेट देने वालों की संख्या गेट देने वालों के मुकाबले काफी कम है।
इस बार कम परीक्षार्थी
उधर, आगामी 29 दिसंबर को होने वाली नेट में इस बार भोपाल से 5 हजार 240 उम्मीदवार शामिल हो रहे हैं। यह संख्या जून 2013 में हुई नेट से कम है। पिछली बार हुई नेट में भोपाल से 6100 उम्मीदवार शामिल हुए थे।
11 केंद्रों पर होगी नेट
भोपाल में नेट के लिए शासकीय नूतन सुभाष हायर सेकंडरी स्कूल, राजा भोज शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल, शासकीय नवीन आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज, संत हिरदाराम गल्र्स कॉलेज, शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, शासकीय महिला पॉलीटेक्निक, गांधी पीआर कॉलेज, शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय तथा मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल को केंद्र बनाया गया है।
आंसरशीट पर व्हाइटनर न करें इस्तेमाल
साथ ही उम्मीदवारों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे ओएमआर शीट में गोले काले करने के बाद उन्हें व्हाइटनर से मिटाकर उत्तर न बदलें। ऐसा करने वाले परीक्षार्थियों की आंसरशीट नकल प्रकरण में रखकर उन्हें परीक्षा से अपात्र कर दिया जाएगा। यूजीसी जून 2013 में सामने आई इस तरह की समस्या के बाद इस बार से आंसरशीट में व्हाइटनर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है।