भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति देने की प्रक्रिया में बदलाव किए जाने से मप्र के राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों में बैचेनी हैं।
इस फैसले के बाद राज्य सेवा के अफसरों को आईएएस बनने के लिए लिखित परीक्षा देकर इसे पास करना होगा और इसके बाद इंटरव्यू में भी सवालों का सामना करना होगा। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2011 एवं 2012 तक के पदों को हाल ही में भरा जा चुका है। वर्ष 2013 में मिलने वाले पदों के लिए पदोन्नति की कार्यवाही होना बाकी है।
इन पदों को वर्ष 2014 में भरने के लिए संभवत: राज्य सरकार को लिखित परीक्षा की प्रक्रिया को ही अपनाना पड़ेगा। लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू की प्रक्रिया यूपीएससी के माध्यम से होगी। तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की आपत्तियों के बाद भी केंद्र भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है। लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू के तीन राज्यों की असहमति के बाद मामला काफी दिनों से लंबित था।
मामले को कैबिनेट सेक्रेटरी के विचारार्थ भेजा गया था, जहां कुछ आपत्तियों के बाद इसे लागू करने का निर्णय लिया गया। इस अधिसूचना के बाद मध्यप्रदेश में भी राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य पुलिस सेवा एवं राज्य वन सेवा के अधिकारियों को अखिल भारतीय सेवाओं में पदोन्नति दी जा सकेगी। इस निर्णय से राज्य सेवा के अधिकारियों में निराशा है। अधिकारी मानते हैं कि सेवा में रहते हुए और खासकर फील्ड की पोस्टिंग के दौरान उनके पास इतना समय नहीं बचता कि वे नए सिरे से पढ़ाई कर सकें।
ऐसी स्थिति में परीक्षा पास करना आसाना नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार इस निर्णय के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपने संघ के माध्यम से राज्य सरकार से मांग करने पर विचार कर रहे हैं कि आईएएस में सेलेक्शन के लिए उन्हें लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें लंबी छुट्टियां स्वीकृत की जाएं।