भोपाल। शिवराज सिंह के शपथग्रहण समारोह में मध्यप्रदेश की भावी तस्वीर तो दिखाई दी ही, साथ ही शिवराज सिंह का राष्ट्रीय स्तर पर शक्तिप्रदर्शन भी हुआ। आज की तारीख में वो अकेले ऐसे भाजपा नेता हो गए जिनको सभी पॉलिटिकल लीडर्स पसंद करते हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शपथ ग्रहण समारोह में तेलुगु देशम के नेता चंद्राबाबू ने नरेंद्र मोदी के साथ खड़े होकर भविष्य में एनडीए के गठबंधन में शामिल होने के साफ संकेत दे दिए हैं।
शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ आए थे।
शिवराज सिंह चौहान पूरे आयोजन के एक अच्छे मेजबान बने हुए थे लेकिन भोपाल के जंबूरी मैदान में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता शपथ ग्रहण में मंच पर नहीं आया। उद्योगपति अनिल अंबानी जरूर वहां दिखाई दे रहे थे।
बाबा रामदेव तो दिखाई नहीं दिए लेकिन सत्यमित्रानंद गिरि मंच पर पहुंच गए तो शिवराज ने पैर छूकर आशीर्वाद ले ही लिया।
परस्पर विरोधी ध्रुव
भाजपा में परस्पर विरोधी तमाम गुट शिवराज के तत्वावधान में जमा हुए थे। लालकृष्ण आडवाणी अगर शिवराज को गले से लगा रहे थे लेकिन पास में खड़े राजनाथ सिंह के साथ हाथ मिलाकर हवा में उठाने में उनकी जरा भी दिलचस्पी नहीं थी।
फिर भी नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह उनके साथ खड़े थे। उमा भारती और सुषमा स्वराज एक साथ खड़ी थीं। तो वहीं पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह भी मंच पर मौजूद थे। मुरली मनोहर जोशी, वेंकैया नायडु और नितिन गडकरी मंच पर दिखाई दे रहे थे।
यह भविष्य में भाजपा की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान के बढ़ते महत्व का संकेत था, जो सभी प्रमुख नेताओं से अपनी विनम्रता के साथ तालमेल बैठाने में सफल रहते हैं।
समारोह में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया अपनी बहन यशोधरा राजे और महल की करीबी मायासिंह के साथ महल की राजनीति का प्रतिनिधित्व कर रही थीं।
वहां गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर, मुख्यमंत्री की कगार तक पहुंचे हर्षवर्धन और विजय गोयल भी मंच पर थे।
मध्यमवर्ग आयोग के गठन की भी घोषणा
शपथ लेने के बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने माध्यमवर्ग आयोग की घोषणा की। शिवराज ने लोकसभा की तैयारी के मद्देनजर शपथ ग्रहण के सरकारी घोषणाओं का खजाना खोल दिया।
ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा की तैयारी के मद्देनजर मध्यप्रदेश के मध्यमवर्ग को साधने के लिए इसका ऐलान किया है। ताकि चुनावों में उनको लुभाया जा सके।