भोपाल। शिक्षा माफिया का सिरदर्द बन चुकी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथ नामचीन हस्तियों के गिरेबान तक पहुंचने के लिए बेताब हैं। हालांकि इस कार्रवाई को रोकने एसटीएफ पर चौतरफा दबाव है।
शिक्षा जगत के दर्जनभर फर्जीवाड़ों का पर्दाफाश करने वाली एसटीएफ के हाथों में अहम भूमिका निभाने वाले रसूखदार दिग्गजों की लंबी फैहरिस्त है। सूत्रों की मानें तो इन फर्जीवाड़ों में प्रदेश के तीन दिग्गज मंत्रियों, आधा दर्जन उद्योग पतियों, विपक्ष के नेता समेत 20 आईपीएस- आईएएस अफसरों की संलिप्पता के पुख्ता सबूत मिले हैं।
ज्यादातर इन रसूखदारों का दखल पीएमटी, प्री-पीजी और पुलिस की एसआई, सूबेदार और आरक्षक भर्ती परीक्षाआें में है। इन दिग्गजों ने लाखों का लेनदेन भी किया है। एसटीएफ सूत्र बताते हैं कि इन नामचीनों की एक-एक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इस गोपनीय मामले की जानकारी से पुलिस मुख्यालय के आला अफसर भी अछूते नहीं हैं।
परिजन को आरोपी बनाना गले की फांस बना
सूत्रों की मानें तो एसटीएफ के लिए पीएमटी फर्जीवाडे एडमिशन लेने वाले छात्रों के साथ पैसा देने वाले परिजनों को आरोपी बनाना गले की फांस बन रहा है, क्योंकि एसटीएफ पर अब दबाव बनाया जा रहा है कि परिजनों को आरोप न बनाया जाए, लेकिन अब एसटीएफ कार्रवाई को अधूरा नहीं छोड़ सकती। क्योंकि कई परिजनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। ऐसे में जेल गए परिजन पक्षपात का आरोप लगाकर एसटीएफ को न्यायालय में आड़े हाथ ले सकते हैं।
तीन मंत्रियों का नाम भी
व्यापमं फर्जीवाड़े के छींटे भाजपा सरकार के तीन दिग्गज मंत्रियों के दामन पर भी लगते नजर आ रहे हैं। सरकार के एक दिग्गज मंत्री की बेटी का मेडिकल दाखिला भी संदेहास्पद माना जा रहा है, जबकि दो अन्य मंत्रियों की पीएमटी और पुलिस भर्ती में भूमिका मिली है।
कांग्रेस नेता भी घेरे में
एसआई भर्ती फर्जीवाडे में एक युवा नेता भी लिप्त नजर आ रहे हैं। जिनके जरिए एसआई और आरक्षक भर्ती परीक्षा में उम्मीदवारों को पास कराया गया है। कांग्रेस से जुडे यह युवा नेता विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सुर्खियों में नाम आने पर नेताजी फिलहाल दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं।
तो हो गए एकजुट
दबाव के चलते पीएमटी फर्जीवाडे में संलिप्त मेडिकल स्टूडेंट बेटे को प्रदेश की मैरिट में स्थान दिलाने वाले एक आईएएस अफसर को दरकिनार करते हुए एसटीएफ ने उनके छोटे भाई को 75 लाख रुपए देने का आरोपी बना दिया। जिसको आधार बनाकर अन्य फर्जीवाड़ों में शामिल अफसर एक जुट हो गए हैं। जोकि आईएएस अफसर की तर्ज पर दूसरों को भी क्लीन चीट देने का दबाब बना रहे हैं।
बडे फेरबदल की आशंका
कार्रवाईयों से जुडे अफसरों को विभागीय स्तर पर बडे फेरदबल की आंशका है। नाम न छापने की शर्त पर एसटीएफ के एक अफसर ने बताया कि इन कार्रवाईयों में अहम भूमिका निभाने वाले अफसरों पर गाज गिरने की संभावनाएं बन रही हैं। जिसके साथ-साथ ही कई अफसर और कर्मचारी भी इस विभागीय कार्रवाई के लपेटें में आ सकते हैं।