उपदेश अवस्थी/भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लहर थी, इस लहर में गोविंद सिंह जैसे दमदारी कांग्रेसी भी हार गए लेकिन दूसरा सच यह भी है कि शिवराज सरकार के भी 10 मंत्री धूल चाट गए हैं।
जनता ने भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्रियों और बेलगाम विधायकों को धूल चटाकर स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि सरकार चलानी है तो विनम्रता और विकास के साथ ही चलाइए। यदि आप 165 सीटों का श्रेय शिवराज सिंह चौहान को देना चाहते हैं तो 10 मंत्रियों की हार का ठीकरा भी उन्हीं के सर फोड़ा जाना चाहिए।
शिवराज सिंह चौहान ने ऐसे 10 विधायकों को मंत्री बनाया जिन्होंने ना केवल सरकारी खजाने को चूना लगाया बल्कि जनता की सुनवाई भी नहीं की। पद को पैसा बनाने का मौका मानकर काम किया। यदि ऐसे भ्रष्ट मानसिकता वाले नेताओं को टिकिट मिला, वो विधायक बने और फिर मंत्री बने, फिर मंत्री बने रहे तो इसके पीछे कहीं ना कहीं शिवराज सिंह चौहान भी दोषी हैं। वो अपने मंत्रीमंडल को साफ और स्वच्छ नहीं रख पाए।
जनता ने इस बार स्पष्ट आदेश दिया है कि आप भले इंसान हो इसलिए आपको वोट दे रहे हैं परंतु भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं होगा। अत: बहुत जरूरी हो गया है कि अब शिवराज सिंह चौहान मंत्रीमंडल के चुनाव के समय विशेष सतर्कता बरतें एवं ऐसे विधायकों को मौका दें जिनकी छवि ना केवल साफ स्वच्छ हो बल्कि जिनमें भले इंसान बने रहने की गुंजाइश भी दिखाई देती हो।