भोपाल। मध्यप्रदेश का शराब माफिया हमेशा सुरक्षित और खुली तस्करी में संलिप्त रहा है। विपक्ष ने भी खदान माफिया, शिक्षा माफिया, चिकित्सा माफिया के खिलाफ आवाज उठाई परंतु शराब माफिया के खिलाफ कभी कोई आवाज नहीं उठाई गई। परिणाम प्रदेश के शराब माफिया का नेटवर्क पूरी यूपी में फैल गया है।
उत्तरप्रदेश पुलिस ने महोबा के श्रीनगर से अवैध शराब की 200 पेटियां जो एक मिनिट्रक में भरीं हुईं थीं एवं एक इंडिका कार की देखरेख में सप्लाई के लिए जा रहीं थीं, पकड़ लीं हैं। इन्हें ले जा रहे पांच गुर्गों को भी गिरफ्तार किया है। वहीं इनका एक साथी मौके से भागने में सफल रहा। पुलिस ने वाहनों व शराब को अपने कब्जे में ले लिया है।
थानाध्यक्ष श्रीनगर एमपी वर्मा को अवैध शराब की सूचना मिलने पर उन्होंने रविवार की सुबह तीन टीमें गठित कर क्षेत्र की घेराबंदी की। बिलवई तिगैला के पास से पुलिस टीम ने डीसीएम व इंडिका गाड़ी को रोककर इनमें रखी अवैध शराब बरामद की। डीसीएम में पुलिस को मप्र निर्मित शराब की 190 पेटी व कार से 10 पेटियां मिलीं। पुलिस ने दोनों वाहनों व शराब को कब्जे में लेकर इन्हें ले जा रहे मनोज गुप्ता निवासी मनोहरगंज श्रीनगर, योगेंद्र बुंदेला गरौली रोड नौगांव, कप्तान सिंह ग्राम फरीदा गुरसराय, मुहम्मद इरफान निवासी गरौली रोड नौगांव, सूरज सिंह लुहारी थाना गजनेर कानपुर देहात को गिरफ्तार किया गया है। जबकि इनका एक साथी अरविंद निवासी खमा थाना अजनर, पुलिस को चकमा देकर निकले में सफल रहा।
बताया जाता है कि पकड़ी गई शराब यूपी व एमपी में प्रतिबंधित है, इसे बिक्री के लिए अरुणांचल प्रदेश ले जाया जा रहा था। शराब की कीमत करीब छह लाख की करीब बताई जा रही है। पुलिस टीम में थानाध्यक्ष एमपी वर्मा के साथ ही कांस्टेबिल अरुण उत्तम, राजेंद्र राठौर, दिनेश कुमार, अरविंद, शिवप्रसाद आदि मौजूद रहे।