भोपाल। भाजपा ने 80 मौजूदा विधायकों को चुनाव की तैयारी में जुटने के संकेत दे दिए हैं। इनकी औपचारिक घोषणा पहली चुनाव समिति की बैठक में की जा सकती है। इन विधायकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कराए गए सर्वे और सीआईडी की ताजा रिपोर्ट के आधार पर हरी-झंडी मिली है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इसकी पुष्टि की है। पार्टी की इस संभावित पहली सूची में वरिष्ठ नेताओं के विधायक पुत्रों के अलावा एक दर्जन मंत्री भी शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि इन विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन के बीच चर्चा हो चुकी है। पूर्व चुनाव समिति के कुछ वरिष्ठ सदस्यों से भी राय-मशविरा किया गया है। जिनको टिकट मिलने के संकेत मिले हैं, उनमें से दो मौजूदा विधायकों ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से उन्हें चुनाव की तैयारी करने के लिए कह दिया गया है। इसी के बाद वे अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में सीआईडी के तीन लोग आए थे, उन्होंने विपक्ष के साथ-साथ क्षेत्र के प्रमुख लोगों और हमसे भी बात की।
माना जा रहा है कि टिकट वितरण में पार्टी मुख्यमंत्री के चुनिंदा लोगों द्वारा कराए गए सर्वे, कलेक्टर-एसपी के फीडबैक और सीआईडी रिपोर्ट को अहम मानकर पार्टी के भीतर हुए आंतरिक सर्वे से उसकी तुलना करेगी। सांसदों, संगठन मंत्रियों और जिलाध्यक्षों से मिलने वाले आंकलन का इस्तेमाल उन सीटों पर करेगी, जहां मौजूदा विधायकों या हारे हुए प्रत्याशी का तीव्र विरोध है। टिकट इन्हीं को आधार बनाकर काटे जाएंगे।
माथुर का प्रभाव बढ़ेगा
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व प्रदेश सह संगठन महामंत्री भगवतशरण माथुर की टिकट वितरण के दौरान भूमिका बढ़ाई जा सकती है। मध्यभारत समेत रीवा की करीब 65 से 70 सीटों पर पार्टी माथुर की राय को भी अहमियत दे सकती है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर टिकट वितरण को लेकर माथुर के संपर्क में हैं।
विक्रम और नीना वर्मा का विरोध
धार से नीना वर्मा के विरोध में भी कई कार्यकर्ता शनिवार को पार्टी दफ्तर पहुंचे। उन्होंने नीना की खिलाफत तो की ही, साथ ही उनकी जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा को भी टिकट नहीं दिए जाने की बात कही। इसके अलावा रैगांव (सतना) से विधायक जुगल किशोर बागड़ी ने संगठन महामंत्री अरविंद मेनन से मिलकर खुद को टिकट देने की वकालत की। साथ ही विकल्प भी दे दिया कि यदि विचार की स्थिति है तो उनके पुत्र को टिकट दिया जा सकता है। चंदला (छतरपुर) से विधायक व मंत्री रामदयाल अहिरवार भी शनिवार को वरिष्ठ नेताओं से टिकट के लिए मिले।