भोपाल। राजधानी स्थित एक्सटॉल कॉलेज में पिछले दिनों प्रकाश में आई छात्र हर्ष चौहान के साथ रैगिंग व छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले में चल रही बीयू की जांच कमेटी की छानबीन पूरी हो चुकी है। कमेटी ने रिपोर्ट विवि प्रशासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में एक्सटॉल कॉलेज प्रबंधन को कठघरे में खड़ा किया है।
सूत्रों के मुताबिक इन दोनों मामलों को दबाने के चक्कर में एक्सटॉल प्रबंधन द्वारा लापरवाही बरती गई, इसमें सबसे प्रमुख गलती कॉलेज प्रबंधन ने आनन फानन उन्हें बिना हिदायत, बिना सूचना दिए ही सस्पेंड करने की बात सामने आई है। खास बात यह है कि इसमें एक तो रैगिंग का फरियादी छात्र हर्ष चौहान है तो दूसरी ओर छेड़छाड़ मामले की फरियादी छात्राएं।
इस संबंध में बीयू जांच कमेटी के द्वारा सवाल-जवाब भी किए गए थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन के पास कोई तर्कपूर्ण जवाब नहीं था। बीयू जांच कमेटी ने इस पूरे मामले में कॉलेज प्रबंधन को लापरवाह बताया है। इसके चलते बीयू प्रबंधन एक्सटॉल कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है। हालांकि जांच में न तो रैगिंग की बात सामने आई और न ही छेड़छाड़ की।
गौरतलब है कि इस मामले की छानबीन प्रॉक्टर प्रो. एके पाठक व डीएसडब्ल्यू डॉ. अलका पराशर वाली दो सदस्यों की टीम ने की। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने की पुष्टि कुलसचिव डॉ. संजय तिवारी ने की है। उन्होंने बताया कि मामले में रैगिंग की बात सामने नहीं आई है, लेकिन आगे की कार्रवाई जल्द की जाएगी। इस संबंध में यूजीसी को सूचना दी जाएगी। कमेटी द्वारा संबंधित विद्यार्थियों के घर जाकर पूछताछ की गई थी।
जारी कर दी रेड लिस्ट
सूत्रों के मुताबिक इस मामले को दबाने व स्वयं को बचाने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने घटना के तुरंत बाद एक रेड लिस्ट जारी की, लेकिन यह चालाकी बीयू की जांच में काम नहीं आ सकी। क्योंकि रेड लिस्ट घटना के आसपास घोषित की गई थी, इसमें करीब आधा दर्जन से ज्यादा छात्रों को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि रेड लिस्ट में कॉलेज के अनुशासनहीन व उपद्रवी विद्यार्थियों को शामिल किया जाता है। इस पर सवाल किए, लेकिन इसका सटीक जवाब भी कॉलेज प्रबंधन से नहीं मिल सका।