भोपाल। यूजीसी हेल्पलाइन पर की गई रैगिंग की शिकायत के बाद बीयू प्रबंधन ने चौकसी बढ़ाने का निर्णय लिया है। बीयू अलग-अलग तीन हॉस्टलों में रहने वाले सभी जूनियर स्टूडेंट्स अब एक हॉस्टल में रहेंगे।
गौरतलब है कि यहां हॉस्टल में रहने वाले एक स्टूडेंट ने बुधवार को यूजीसी हेल्पलाइन पर रैगिंग संबंधी शिकायत दर्ज कराई थी। बीयू प्रबंधन को रैगिंग की शिकायत यूजीसी द्वारा प्राप्त होने के बाद कुलसचिव डॉ. संजय तिवारी ने रात को हॉस्टलों का जायजा लिया। जूनियर विद्यार्थियों से चर्चा की। वहीं सीनियर विद्यार्थियों को हिदायत दी।
इधर, शुक्रवार को हुई कुलपति प्रो. निशा दुबे, कुलसचिव डॉ. तिवारी व अन्य संबंधित अधिकारी प्रोफेसरों की बैठक में जूनियर्स को सीनियर्स की पहुंच से बाहर करने के लिए और सुरक्षा मुद्दे पर बैठक हुई है। इसमें विभिन्न कक्षाओं के सभी स्टूडेंट्स को एक हॉस्टल में शिट किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी चीफ वार्डन को सौंपी गई है। गौरतलब है कि बीयू में तीन हॉस्टल हैं। इनमें से किसी एक ऐसे हॉस्टल को चुना जाएगा, जिसमें सभी स्टूडेंट रह सकें।
हॉस्टल में लगाए जाएंगे कैमरे
बीयू के सभी हॉस्टल पर कैमरों की निगरानी में रहेंगे। यह निर्णय बीयू प्रबंधन में हुई रैगिंग शिकायतों को देखते व सीनियर्स पर दबाव बनाने के लिए लिया है। इसके चलते सभी हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
नहीं बनी शिकायत के लिए ई-मेल आईडी
बीयू प्रशासन ने जब रैगिंग रोकने के लिए कमेटी के साथ एक दस्ता तैयार किया था। वहीं एक ई-मेल आईडी बनाने संबंधी निर्णय लिया था, ताकि विद्यार्थी रैगिंग संबंधी शिकायत कर सकें। यह ई-मेल आईडी आज तक नहीं बनी है। गौरतलब है कि यह निर्णय रैगिंग की रोकथाम करने के लिए 14 अगस्त को बुलाई गई बैठक में लिया गया था।