भोपाल। मप्र शिक्षक कांग्रेस के बैनर तले प्रदेशभर के शिक्षकों द्वारा मंगलवार से प्रदेश के जिलों में मांगों को लेकर प्रदर्शन कर कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इसके बाद तीन सितंबर को राजधानी में एकत्र होकर मुख्यमंत्री पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन एवं रैली निकालकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
यह जानकारी संगठन के प्रांताध्यक्ष रामनरेश त्रिपाठी ने सोमवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में दी। उन्होंने बताया इसके बाद भी शिक्षकों की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो स्कूलों के ताले बंद कर प्रदर्शन किया जाएगा। त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को समान कार्य का समान वेतन देने एवं केंद्र के समान छठवां वेतनमान जस का तस और महंगाई भत्ता देने और शिक्षा विभाग में संविलयन करने का वादा किया था।
साथ ही सहायक शिक्षकों, व्याख्याताओं एवं शिक्षकों को वेतनमान के अनुसार पदोन्नति देने, गुरुजियों, संविदा शिक्षकों, औपचारिकेत्तर शिक्षा के पर्यवेक्षकों एवं अतिथि शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण का कई बार भरोसा दिलाया। लेकिन शिक्षकों से किए गए उक्त वादे आज तक पूरे नहीं किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा राज्य शिक्षा सेवा का गठन कर शिक्षकों के पदोन्नति के रास्ते ही बंद कर दिए गए। त्रिपाठी ने बताया कि संगठन के बैनर तले पांच साल में शिक्षकों ने अलग- अलगग और एक साथ धरना, आंदोलन कर ज्ञापन सौंपे।
इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा 16 अप्रैल को आश्वासन दिया गया था कि एक माह के भीतर सभी मांगों के संबंध में आदेश जारी कर दिए जाएंगे। लेकिन आज तक कोई आदेश जारी नहीं हुए। संगठन ने प्रदेश सरकार एवं विशेषतौर पर मुख्यमंत्री से मांग की है कि नियमित शिक्षकों को अप्रैल तक मिल रहा वेतन जस का तस देकर स्कूल शिक्षा विभाग में सविलयन कर एरियर्स दिया जाए। संगठन के महामंत्री रमाकांत द्विवेदी, एनडी वैष्णव, प्रवक्ता आशुतोष पांडे, महमूद मलिक, सैयद अशरफ अली व अन्य उपस्थित थे।