भोपाल। अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कोर्स में प्रवेश लेकर भी छात्र इंदौर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में पढ़ाई कर सकते हैं। इग्नू ने आईआईएम इंदौर में अपना स्टडी सेंटर खोल लिया है।
इसके चलते विद्यार्थी वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर का और फेकल्टि मेंबर का फायदा ले सकते हैं। इग्नू भोपाल रिजनल सेंटर के क्षेत्रीय निदेशक उमेश चंद्र पांडेय ने पीपुल्स समाचार को बताया कि यदि विद्यार्थी किसी विद्यार्थी को केट परीक्षा के बाद प्रबंधन कोर्स में प्रवेश नहीं मिल सका है, इसके बाद भी उसे आईआईएम में स्टडी करना चाहता है, तो इसकी पूर्ति वह इग्नू द्वारा संचालित कोर्स में प्रवेश लेकर कर सकता है।
प्रवेश लेने के विद्यार्थी आनलाइन और आफ लाइन दोनों माध्यम से 30 जून तक आवेदन बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के कर सकता है। श्री पांडेय ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि की स्थापना 1985 में एक संसदीय कानून के तहत हुई। इसका मकसद दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा पहुंचाने का है।
वहीं विवि का शुभारंभ वर्ष 1987 में दो शैक्षिक कार्यक्रम प्रबंधन में डिप्लोमा और दूर शिक्षा में डिप्लोमा में 4,528 विद्यार्थियों से हुआ। आज यह अपने 21 अध्ययन विद्यापीठों, 67 क्षेत्रीय केंद्रों, करीब 3,000 विद्यार्थी सहयोग केंद्रों और 67 विदेशी केंद्रों की मदद से भारत एवं अन्य देशों में 40 लाख से अधिकविद्यार्थियों की शैक्षिक आकांक्षाओं की पूर्ति कर रहा है।
इसके बाद इग्नू ने देश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सफलता के झंडे गाड़ रखे हैं। वर्तमान में इग्नू द्वारा करीब 50 देशों में स्टडी सेंटर खोल रखे हैं। इग्नू देश का एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय है, जिससे पढ़ाई करने के बाद विद्यार्थी को विदेशों में पढ़ाई करने पर भी के्रडिट का फायदा होगा। यदि विद्यार्थी ने जो इग्नू से पढ़ाई करने के दौरान कोर्स में जिन टॉपिक्स का अध्ययन किया है, उन टॉपिक्स का अध्ययन करने न करने के लिए विदेश के विवि छूट प्रदान करेंगे। वहीं श्री पांडेय ने बताया कि इग्नू को कामनवेल्थ आॅफ लर्निंग द्वारा दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी होने पर सेंटर आॅफ एक्सीलेंस अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।