उज्जैन कुंभ के लिए मध्यप्रदेश ने​ दिया पंजाब को निमंत्रण

भोपाल। महाकालेश्वर की धरती उज्जैन में 2016 में होने वाले कुंभ मेले के लिए मध्यप्रदेश की सरकार तैयार है। मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने कुंभ मेले में शिरकत करने का पंजाबियों को न्यौता दिया है। पर्यटन के मामले में देश में तीसरे स्थान पर काबिज मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग कुंभ मेले के बहाने अपनी रैंकिंग सुधारते हुए देश में अव्वल आने के लिए भी बेताब है।

मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के जीएम विवेक माथुर और सीनियर मैनेजर मार्केटिंग ममता पांडे ने शनिवार को पंजाब पर्यटन विभाग के अधिकारी बलराज सिंह के साथ मीडिया से मुखातिब होकर पंजाब की जनता को मध्यप्रदेश आने का न्यौता दिया। जीवन के हर रंग के दर्शन के लिए तकरीबन तीन दर्जन ट्रेवल एजेंटों से उन्होंने सैलानियों को मध्यप्रदेश भेजने का भी आग्रह किया। मध्यप्रदेश में सालाना तकरीबन तीन लाख विदेशी सैलानी आते हैं, जबकि पांच करोड़ भारतीय पर्यटक पहुंचते हैं।

विवेक माथुर ने पंजाबी मीडिया को बताया कि मध्यप्रदेश में जीवन के हर रंग के दर्शन होते हैं। ईश्वर में आस्था रखने वालों को दो ज्योतिर्लिग महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर का आशीर्वाद मिलता है तो खजुराहो में वास्तुकला और शिल्पकला का बेजोड़ नमूना देखने को मिलता है। खजुराहो के अलावा सांची और विदिशा यूनेस्को की ओर से बाकायदा व‌र्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया जा चुका है। मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है। यहां 25 वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी के अलावा नौ नेशनल पार्क हैं। पंचमढ़ी की हरियाली भी पर्यटकों को रास आती है। उन्होंने कहा कि पंजाब से हर साल बड़ी तादाद में सैलानी देश के कई हिस्सों में जाते हैं। मध्यप्रदेश आने के लिए वह यहां के पर्यटकों को लुभाने आए हैं।

पंजाब पर्यटन विभाग की खुली रह गई आंखें

मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग की एक्टिविटीज पंजाब पर्यटन के लिए भी प्रेरणादायी है। पंजाब पर्यटन विभाग ने अपने होटल बेच दिए हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में टूरिज्म विभाग के 60 होटल चल रहे हैं। घाटे की बजाय सभी होटल मुनाफे में चल रहे हैं और इससे हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। पर्यटन विभाग खुद बस और टैक्सी सर्विस भी सैलानियों को मुहैया करवाता हैं। यह सुनकर पंजाब पर्यटन विभाग की आंखें खुली रह गई।


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