इंदौर। सुपर कॉरिडोर पर फाइनेंशियल हब बनाने की कवायद तेज हो गई है। सेबी (सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के बाद एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) ने यहां के लिए रुचि दिखाई है। ऐसे में स्थानीय अधिकारियों ने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने पर काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में 25 मई को भोपाल में चर्चा होगी। एमपीएसई (मप्र स्टॉक एक्सचेंज) के डायरेक्टर का भी दावा है कि यदि प्रोजेक्ट साकार हुआ तो इससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
भोपाल में होने वाली मीटिंग में संभागायुक्त संजय दुबे और कलेक्टर आकाश त्रिपाठी पहुंचेंगे। दुबे के मुताबिक राज्य शासन के अफसरों और प्रमुख सचिव को इस प्रोजेक्ट की जानकारी दी जाएगी। हालांकि मंत्री विजय विजयवर्गीय इस मामले में मंशा रख चुके हैं। इसी को आगे बढ़ाते हुए हम प्रारंभिक चर्चा के बाद इसका प्रस्ताव बनाएंगे।
सेबी के बाद एनएसई फाइनेंशियल हब में रुचि दिखाई है। एनएसई की एमडी चित्रा रामकृष्णा पिछले सप्ताह शहर में थीं। एमपीएसई ने सेबी और एनएसई के आने से पहले ही इस संबंध में मंत्री से चर्चा की थी। इसी के चलते एनएसई की एमडी ने भी जिला प्रशासन और आईडीए अफसरों से चर्चा की।
एमपीएसई के डायरेक्टर संतोष मुच्छाल के मुताबिक प्रस्तावित हब में एमपीएसई लीड रोल निभा सकता है। एनएसई की एमडी ने भी इंदौर में काफी संभावनाएं देखी हैं। उन्होंने भी यहां अपने संस्थान को लाने में रुचि दिखाई है। मुच्छाल ने दावा किया कि राज्य शासन यदि हमें इस प्रोजेक्ट से जोड़ता है तो प्रारंभिक रूप से ही 15 से 20 बड़े बैंक यहां रुचि ले सकते हैं। यदि प्रोजेक्ट धरातल पर आया तो इसमें 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
आईडीए ने सुपर कॉरिडोर से लगी मेडिकल हब की स्कीम 166 एक बड़ी जमीन के रूप में सेबी चेयरमैन और एनएसई की एमडी को दिखाई है। एमपीएसई के साथ हुए इस दौरे में सभी ने यहां बड़ी संभावनाएं देखी हैं। इसके अलावा आईडीए ने स्कीम 78 के पीएसपी (सार्वजनिक-अद्र्ध सार्वजनिक) उपयोग के 13 प्लॉट भी दिखाए जो 50 हजार से एक लाख वर्गफीट से ज्यादा के हैं।