सड़कों पर उतरीं आदिवासी महिलाएं, माधुरी बहन की रिहाई की मांग

बड़वानी‘प्रवीण सोनी। जाग्रत आदिवासी संगठन की नेत्री सुश्री माधुरी बहन को रिहा करने की मांग को लेकर संगठन ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर रैली निकलकर धरना दिया।

संगठन के करीब 3 हजार कार्यकर्ता 45 डिग्री से ज्यादा की चिलचिलती धूप में नगर की सड़कों पर निकले और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया। पिछले चार पांच दिनों से जिले के पांच थानों और दो चैकियों पर धरना दे रहे संगठन के हजारों कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय की ओर कूच किया और यहां प्रभावी रैली निकाली।

इसमें एक ही मांग प्रभावी तरीके से उठाई गई कि सुश्री माधुरी बहन को अविलंब रिहा किया जाए। हालांकि संगठन ने हमेशा की तरह कुछ और मांगें भी उठाई जिनमें डीबीटी के तहत खोले जा रहे खातों को निःशुल्क खोलने व चुनाव को देखते हुए योजनाओं के संचालन का विरोध किया गया।


रैली के लिए जाग्रत संगठन के कार्यकर्ता हमेशा की तरह मंडी में एकत्र हुए और वहां से रैली निकाली। रैली का दूसरा सिरा जब कारंजा पहुंच गया था तब पहला सिरा बस स्टैंड पर ही था।

रैली में शामिल कार्यकर्ता हमारी नेता माधुरी बहन को रिहा करो, कमाने वाला खाएगा, लूटने वाला जाएगा, वोट के लिए गांव में आना बंद करो जैसे नारे लगा रहे थे।

रैली बस स्टैंड से कोर्ट चैराहा, कारंजा, मोटी माता चैक, एमजी रोड, रणजीत चैक, कचेरी रोड होते हुए पुराना कलेक्टोरेट तक पहुंचे जहां रैली सभा में बदल गई। इसे संगठन के वक्ताओं ने संबोधित करते हुए आदिवासी क्षेत्रों में हो रही लूट पर निशाना साधा। वक्ताओं ने कहा माधुरीबहन आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठा रही हैं इसलिए उनके खिलाफ षडयंत्र रचा गया है।

डा सुनीलम ने कहा मुख्यमंत्री जी द्वारा 2.50 लाख मुकदमों का खात्मा किया गया। क्या माधुरी बहन का मुकदमे का खातमा नही कर सकते बहन द्वारा आदीवासी महीला के प्रसव के लीये लडाई लडी गयी थी।

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