भोपाल। प्रदेश भर में सुलभ शौचालय बनाने वाली सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गेनाइजेशन का एकाधिकार समाप्त होने के बाद संस्था के अध्यक्ष एसपी सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर दावा किया है कि प्रदेश में सार्वजनिक शौचालय का बेहतर ढंग से संचालन हम ही कर सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि 20 मार्च को निरस्त किए गए 30 साल पुराने परिपत्र को फिर से बहाल किया जाए।
संस्था के अध्यक्ष सिंह ने कहा है कि वे पूरे देश में एक मात्र उनकी संस्था है जो इस क्षेत्र में बेहतर ढंग से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि इस काम को किसी अन्य निजी कंपनी को दिया जाता है तो प्रदेश में सुलभ शौचालयों की स्थिति बिग़़ड सकती है। संस्था के अध्यक्ष सिंह ने कहा कि उन्हें 30 अप्रैल 2013 को महाराष्ट्र राज्य सरकार ने नए सुलभ शौचालय बनाने और इनका संचालन करने के लिए 691 करो़़ड की योजना मंजूर कर उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।
उल्लेखनीय है कि नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव सीएस चढ्ढा ने इस संस्था को प्रदेश भर में शौचालय बनाने और इसके संचालन के लिए 1982 को 30 साल का अनुबंध किया था। इसके अनुसार राज्य सरकार इस संस्था को शौचालय बनाने के लिए मुफ्त में जमीन तो देगी ही साथ ही में इसका निर्माण करने के लिए 80 फीसद राशि एडवांस में देगी। अनुबंध की अवधी पूरी होने के बाद नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव एसपीएस परिहार ने 1982 परिपत्र को निरस्त कर सुलभ शौचालय बनाने के लिए खुली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से निविदा आमंत्रित करने के आदेश जारी कर दिए। इससे सुलभ इंटरनेशनल का प्रदेश में एकाधिकार समाप्त हो गया।