सम्माननीय अध्यापक साथियो, सादर प्रणाम। साथियो,वर्तमान की स्थिति में अध्यापको के जहन में कई सवाल उत्पन्न हो रहे है जैसे की सरकार क्या कुछ देना चाहती है? अगर देना चाहती है तो फिर अभी तक घोषणा क्यों नहीं की गई? क्या छत्तीसगढ़ के समान सरकार कोई फैसला लेगी? क्या सरकार सबका संविलियन करेगी या फिर सबको 6वां वेतन मान देगी? सरकार संविलियन के लिए क्या परीक्षा लेगी? इत्यादि इत्यादि।
इस प्रकार के प्रश्न सभी के मन में विचरण कर रहे है जो की अध्यापको की उत्सुकता को दर्शाते है जो स्वाभाविक है। संविलियन के लिए परीक्षा की बात ने भी अध्यापकों के मन में कई प्रश्न खड़े कर दिए है। शासन में जो भी पालिसी बनती है उसे सरकार तय करती है और यह आवश्यक नहीं की सरकार सभी पालिसी पर संघो की सहमती ले।
सवाल कई है और जवाब सिर्फ एक जो केवल और केवल सरकार ही देगी। इसमें कोई दो मत नहीं है की जो कुछ करना है शासन को ही करना है हम तो सिर्फ अपने अपने स्तर से सभी के हितो को ध्यान में रखते हुए अपनी मंजिल की और बढ रहे है।
सभी चाहते है की सरकार तत्काल निर्णय लेकर घोषणा करे लेकिन जल्दबाजी में लिए गए फैसले आगे असंतोष की स्थिति उत्पन्न करते है। बिगत कई माह से दुबेजी के द्वारा निरंतर अध्यापकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए प्रयास किये जा रहे है जो आपके सामने है।
रही बात घोषणा की तो ये हम सभी जानते है की सरकार कोई भी घोषणा परिस्थिति और अनुकूल समय को देखकर करती है जिसमे उसे अधिक से अधिक लाभ हो सके।
कुछ लोग श्रेय की बात भी करते है तो मैं उन लोगों को बता दूं की दुबेजी की दिलचस्पी श्रेय में नहीं है बल्कि सभी अध्यापको के हितो में है वो सिर्फ अपने प्रयास कर रहे है। दुबेजी लगातार सरकार के संपर्क में है और सरकार से वार्ताओ का दौर जारी है और सरकार से सभी के हित में निर्णय कराने का प्रयास रहेगा अभी समय धैर्य रखने का है इसीलिए धैर्य रखे।
सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय
देवेन्द्र अहिरवार