SP और CMO में ठनी, दीवार तोड़ी, FIR दर्ज

भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के एरिए अलीराजपुर में एसपी और सीएमओ के बीच सीधी लड़ाई शुरू हो गई है। सीएमओ ने पुलिस विभाग की एक दीवार अतिक्रमण में बताकर ढहा दी तो एसपी ने भी सीएमओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा डाली। 

मामला जबर्दस्त तूल पकड़ गया है और राजनीति भी इसमें शामिल हो गई है। शुरूआत पुलिस विभाग की घोड़ा बैरक की जमीन पर बन रही एक दीवार से हुआ। यहां पुलिस विभाग एक दीवार का निर्माण कर रहा था। जैसे ही नगरपालिका को इसकी खबर मिली, सीएमओ अशोक भमोलिया ने 2 जनवरी को इसे अवैध बताते हुए निर्माण रोकने का नोटिस भेजा और 24 घंटे के भीतर जब कोई जबाव नहीं मिला तो सीएमओ ने निर्माणधीन दीवार को ढहा दिया। 

यह विवाद इतना बड़ा कि एसपी अखिलेश झा के निर्देश पर पुलिस विभाग ने सीएमओ और वार्डपार्षद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा डाली। एफआईआर धारा 147, 447, 448, 427 एवं मध्यप्रदेश लोकसपंत्ति नुक्सान निवारण अधिनियम की धारा 3/2 के तहत दर्ज की गई है। 


सीएमओ के समर्थन में रैली 


पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई के विरोध में आज अलीराजपुर में सभी 18 पार्षदों, नगरपालिका अध्यक्ष एवं कर्मचारियों ने मिलकर रैली निकाली एवं कलेक्टर को एफआईआर खारिज करने के लिए ज्ञापन दिया। 


राठौर समाज ने भी निकाली रैली 


इधर राठौर समाज के नेता एवं पार्षद ओमप्रकाश राठौर के खिलाफ एफआईआर होने पर रैली निकाली एवं कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। समाज ने इस बावत् एक फैक्स सीएम आफिस में भी किया है। 


सीएमओ ने कहा अतिक्रमण में थी दीवार


सीएमओ अशोक भमोलिया ने भोपालसमाचार.कॉम से बातचीत करते हुए बताया कि जिस जमीन पर निर्माण किया जा रहा था वो नगरपालिका के आधिपत्य की है। हाईकोर्ट की रूलिंग एवं सभी जरूरी दस्तावेज भी हमारे पास हैं। जब पुलिस विभाग ने निर्माण शुरू किया तो हमने निर्माण रोकने के लिए नोटिस भेजा, लेकिन पुलिस विभाग ने उस पर कोई गौर नहीं किया और निर्माण जारी रखा अत: अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि हमारे पास सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध हैं और हम इस मामले में पुलिस विभाग के खिलाफ न्यायालय की शरण में भी जा रहे हैं। 


एसपी ने कहा 100 साल से है कब्जा, इंतजार तो करते 


भोपालसमाचार.कॉम से बात करते हुए एसपी अलीराजपुर अखिलेश झा ने कहा कि नगरपालिका ने 2 जनवरी को नोटिस डिस्पेच किया और बिना कोई वक्त दिए निर्माण तोड़ दिया। पुलिस विभाग भी मध्यप्रदेश शासन का ही विभाग है। पुलिस का कोई अधिकारी निजी अतिक्रमण नहीं कर रहा था। दोनों मध्यप्रदेश शासन के अधीन विभाग हैं। समय दिया जाना चाहिए था। जबाव नहीं भी मिलता तो मेरे उच्चाधिकारियों से मेरी शिकायत करते। निर्माण तोड़ने की क्या जरूरत थी। यह दुर्भावनापूर्वक किया गया कृत्य है। शासन की धनराशि से हो रहे निर्माण तो तोड़ा गया है, इसलिऐ आरआई ने एफआईआर दर्ज कराई।


पब्लिक बोली, पॉलिटिकल मामला है


लोगों का कहना है कि आधे से ज्यादा अलीराजपुर अतिक्रमण का शिकार है, लेकिन सीएमओ को ​पुलिस विभाग की एक दीवार ही दिखी। नोटिस दिया और सात दिन इंतजार भी नहीं किया, यह इस संदेह को पुख्ता करता है कि सीएमओ कांग्रेसी मानसिकता का अधिकारी है और कांग्रेस को एक मुद्दा देने के लिए उसने यह पंगा लिया। लोगों ने बताया कि सीएमओ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया का खास आदमी है और पॉलिटिकल एक्टिविटी में एक्टिव रहता है। इस नगरपालिका का अध्यक्ष भी कांग्रेस पार्टी से ही है।


कुल मिलाकर हंगामा शुरू हो गया है। सरकार के ही दो विभाग आमने सामने हैं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है तो नगरपालिका सड़कों पर उतर आई है। देखते हैं इस आग में कितना घी डलता है और यह आग सीएम हाउस या पुलिस हेडक्वार्टर्स तक पहुंच भी पाती है या...।
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