पेड़ से लटकी मिली SP ATS के प्राचार्य भाई की लाश

भोपाल. एसपी एटीएस शैलेन्द्र चौहान के बड़े भाई संतोष चौहान की लाश आज एक पेड़ से लटकी हुई मिली। वो सुबह मार्निंग वॉक के लिए निकले थे, लेकिन लौटे ही नहीं। जब तलाशा तो लाश पेड़ पर झूलती मिली।

संत आशाराम नगर, बागमुगालिया निवासी 39 वर्षीय संतोष चौहान मंडीदीप स्थित शासकीय स्कूल में प्राचार्य थे। उनके भांजे रंजीत चौहान ने बताया कि बुधवार तड़के करीब चार बजे वे घर से निकल गए थे। काफी देर तक नहीं लौटे तो परिजनों ने तलाश शुरू की।

इसी दौरान उनका शव घर से 300 मीटर दूर आम के पेड़ पर लटकता मिला। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

बताया जा रहा है कि पुलिस को उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने बीमारी से परेशान होकर यह कदम उठाने का जिक्र किया है। कहा यह भी जा रहा है कि वह डिप्रेशन से परेशान रहते थे।

सीएम के रिश्तेदार भी हैं

संतोष के छोटे भाई शैलेंद्र चौहान फिलहाल बतौर एटीएस एसपी पदस्थ हैं। उनके भांजे राजेंद्र ने बताया कि संतोष काफी शांत प्रवृत्ति के थे और हमेशा कुछ सोचते रहते थे। उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का रिश्तेदार भी बताया जा रहा है।

क्या लिखा है सुसाइड नोट में


उनके पास से मिले सुसाइड नोट के मुताबिक 'मैं बीमारी से परेशान हूं, जो कभी ठीक नहीं हो सकती। बीमारी भी ऐसी है, जिसे किसी को बता नहीं सकता। भाई मुझे माफ करना और बच्चों का ख्याल रखना। बड़ों को प्रणाम छोटों को आर्शीर्वाद।
संतोष।"

कुछ महत्वपूर्ण

प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का लग रहा है परंतु कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु हैं जिन पर विचार किया जाना जरूरी है और शायद पुलिस की जांच भी इसी दिशा में जाएगी।

1. एक धीर गंभीर व्यक्ति संतोष चौहान ने आत्महत्या के लिए एक सार्वजनिक स्थल को ही क्यों चुना, जबकि वे जानते थे कि उनका परिवार प्रतिष्ठित परिवार है एवं ऐसे किसी सार्वजनिक स्थल पर आत्महत्या जैसा कदम उठाने से पूरा परिवार परेशान होगा।

2. मृतक संतोष चौहान के पास वो सभी सामग्री कहां से आई जिसका उपयोग उन्होंने आत्महत्या के लिए किया।

3. मृतक संतोष चौहान की संपत्तियां एवं शेष सामाजिक व्यवहार की पड़ताल की जाना भी जरूरी है एवं उनके फोन डीटेल्स को भी इस मामले में इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए।

लव्वोलुआब केवल यह कि यदि एक प्रतिशत भी इस बात की संभावना है कि यह आत्महत्या नहीं है तो इसका खुलासा होना बहुत आवश्यक है। नहीं तो एक षडयंत्रकारी हत्यारा समाज में खुला घूमता रहेगा।
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