भोपाल। कांतिलाल भूरिया से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे रतलाम कलेक्टर, यह समाचार तो ठीक था लेकिन माजरा समझ नहीं आ रहा था कि जिस कलेक्टर के साथ पूरी मध्यप्रदेश सरकार खड़ी हो वो अचानक सौजन्य भेंट करने क्यों जाने लगा।
आज अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया के बयान आ जाने के बाद स्पष्ट हो गया है कि कलेक्टर साहब आयोग के दबाव में भूरिया के दरवाजे पहुंचे थे। सनद रहे कि कांग्रेस सांसदों से विवाद के बाद पहले पहल तो यह लगा था कि मध्यप्रदेश स्तर पर ही मामला निपट जाएगा, लेकिन अचानक ही पूरी सरकार रतलाम कलेक्टर के साथ खड़ी हो गई और राजीव दुबे एक शक्तिशाली आईएएस के रूप में दिखाई देने लगे थे, लेकिन एससी आयोग के नोटिस पर दिल्ली पहुंचे कलेक्टर महोदय को काफी खरीखोटी सुननी पड़ीं।
आज आयोग के अध्यक्ष पुनिया ने भी स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने कलेक्टर को निर्देशित किया है कि वो सांसदों से मिलकर मामले को निपटाएं। इसी दबाव में कलेक्टर महोदय आयोग के आफिस से निकलकर सीधे भूरिया के बंगले पर पहुंचे परंतु श्री भूरिया ने भी इस अवसर का पूरा उपयोग किया और कलेक्टर रतलाम को खूब खरीखोटी सुनाईं। यहां तक कि उन्हें सीएम का पट्ठा तक कह डाला।
कुल मिलाकर आयोग ने रतलाम कलेक्टर को जिम्मेदारी दी है कि वो सांसदों से सुलह करें। देखना रोचक होगा कि श्री भूरिया के बाद अब प्रेमचंद गुड्डू इस मामले में क्या करते हैं।