भोपाल। भोपाल में टैक्स चोरी तो जैसे बड़े कारोबारियों का संवैधानिक अधिकार हो गया है। कुछ संस्थानों में तो इसके लिए मोटी तनख्वाह पर स्पेशलिस्ट को तैनात किया गया है। इसमें वो संस्थान भी शामिल हैं जो व्यवस्था में नियमों का लागू कराने के लिए संघर्ष करते हैं। ताजा मामले में भोपाल के तीन बिल्डर्स ने 85 करोड़ रुपए का टैक्स जमाया कराया, लेकिन तब जब उनके यहां छापामार कार्रवाई हुई।
गुरुवार को कस्टम, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स विभाग ने भोपाल के तीन बिल्डरों के यहां छापा मारा तो टीम को पता चला कि इंडस कंस्ट्रक्शन ने सर्विस टैक्स का रजिस्ट्रेशन तो लिया लेकिन टैक्स नहीं दिया।
वहीं नवाकार बिल्डर्स एंड डेवलपर्स ने जनता से टैक्स वसूला, लेकिन न रजिस्ट्रेशन लिया और न ही टैक्स चुकाया। हालांकि, कार्रवाई के बाद तीनों बिल्डरों ने कुल 85 लाख रुपए का भुगतान कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक बिल्डरों पर बड़े स्तर पर कार्रवाई की तैयारी काफी समय से चल रही थी। निवारक दस्ते ने ग्राहक बनकर इन बिल्डरों के यहां कुछ दिन पहले छानबीन की थी। इसके बाद रिटर्न की पड़ताल की गई।
कर चोरी की पुष्टि होने के बाद गुरुवार को कमिश्नर डॉ. डीके वर्मा के नेतृत्व में डिप्टी कमिश्नर अरविंद सरन (प्रिवेंटिव) ने चार अधीक्षकों व नौ निरीक्षकों की चार टीमें बनाई गईं। इन्हें दोपहर बाद अलग-अलग रवाना किया गया।
इंडस बिल्डर के एमपी नगर जोन-2 स्थित दफ्तर पर दो टीमें पहुंचीं क्योंकि सर्वाधिक 15 करोड़ रुपए का कारोबार इसी फर्म ने किया था। एक टीम कोलार रोड पर भूमिका रेसीडेंसी स्थित सरिता बिल्डर के कार्यालय और तीसरी टीम 22, ई-8 दूरसंचार नगर में नवाकार बिल्डर एंड डेवलपर्स के दफ्तर पहुंची।
करीब पांच घंटे तक टीमों ने दस्तावेजों का अध्ययन किया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2010-11 व 2011-12 से लेकर अभी तक टैक्स की गणना जांच के बाद की जाएगी क्योंकि इन सब फर्मों के आधा दर्जन प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक करीब एक करोड़ के टैक्स की वसूली होने की संभावना है।
शेष राशि भी जल्द जमा करने का भरोसा दिया
सूत्रों के मुताबिक पंजीयन के बाद से लेकर अभी तक सिर्फ एक लाख रुपए सर्विस टैक्स देने वाली सरिता फर्म के खुशाल दास ने तत्काल 30 लाख रुपए चैक, इंडस के सीएमडी संजीव मेहता व डायरेक्टर धरमपाल सिंह ने 15 लाख रुपए डिपॉजिट व बाकी का चैक तथा नवाकार फर्म के सुरेंद्र पाटीदार ने 15 लाख रुपए का चैक विभाग के निवारक दस्ते को तुरंत दिया है। शेष राशि भी जल्द देने का आश्वासन दिया है।