भोपाल। लोकायुक्त पीपी नावेलकर ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एवं मुख्य सचिव आर परशुराम को एक पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति की मांग की है।
लोकायुक्त ने अपने पत्र में हाईकोर्ट की उस रूलिंग का भी हवाला दिया है जिसमें तय किया गया है कि शासकीय मामलों में 3 माह और अशासकीय मामलों में 2 माह के भीतर स्वीकृति दी जानी चाहिए।
बताया जाता है कि लोकायुक्त कुल 31 ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहा है जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर मामले आरोपित हैं।
लव्वोलुआब यह कि लोकायुक्त ने संसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हुए मध्यप्रदेश सरकार व शासन से पूछा है कि इन 31 भ्रष्ट अधिकारियों को क्यों बचाया जा रहा है। सनद रहे कि मध्यप्रदेश लोकायुक्त श्री नावेलकर पर अक्सर भाजपा सरकार से मधुर संबंध बनाए रखने के आरोप लगते रहे हैं परंतु इस पत्र की बानगी कुछ और ही है।