सिलेंडरों की सीलिंग से 12 करोड़ बच्चों का मध्याह्न भोजन संकट में

भोपाल। जिस तरह रसोई गैस सिलेंडरों की मूल्य वृद्धि और सिलेंडरों की सीलिंग तय की गयी है। देश में 12 करोड़ स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यह आरोप महिला मोर्चा मध्यप्रदेश की प्रेसीडेंट नीता पटेरिया ने लगाया।

भाजपा के मीडिया सेंटर से जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का मानव संसाधन मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, वित्त मंत्रालय के चक्कर काट रहा है, लेकिन स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन को केन्द्र सरकार भी परमार्थ की गतिविधि मानने को तैयार नहीं है पेट्रोलियम मंत्रालय ने मामला पेट्रोलियम कंपनियों पर छोड़कर छुट्टी पा ली है।

नीता पटैरिया ने कहा कि अबतक रसोई गैस सिलेंडरों की रियायती पूर्ति के कारण मध्याह्न भोजन पर 653 करोड़ रूपये मानव संसाधन विकास मंत्रालय को खर्च करना पड़ते थे, लेकिन अब रसोई गैस सिलेंडर पर छूट समाप्त हो जाने से यह राशि और खर्चा बढ़कर 1063 करोड़ रूपये हो जायेगा। जब केन्द्र सरकार ही आर्थिक सुधार की आड़ में मध्याह्न भोजन पर कैची चलाने को तैयार है राज्य सरकारें अपने को विवश पा रही है।
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