भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा के तीरंदाजों में तनातनी से अब दिल्ली भी परेशान हो गई है। गुटबाजी साफ दिखाई देने लगी है। प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, संगठन मंत्री सुहास भगत, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और सह संगठन मंत्री अतुल राय के बीच मनमुटाव अब गुटबाजी में बदल गया है। हालात यह हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तक मामले पहुंचने लगे हैं। 2018 चुनावी साल है। ऐसे में भाजपा के दिग्गजों में गुटबाजी निश्चित रूप से चिंता का विषय है।
सोमवार को प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और मुख्यमंत्री के बीच एकांत में इन पूरे मामले को लेकर चर्चा हुई और इसमें किस तरह से बीच बचाव किया जाए, इस पर विचार किया गया। दरअसल, मुंगावली चुनाव-प्रचार के बाद भोपाल आए सहस्त्रबुद्धे रात 9 बजे सीएम हाउस पहुंचे और यहां दोनों नेताओं ने करीब 2 घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर डिस्कस किया। सूत्रों की माने तो केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर सहस्त्रबुद्धे भोपाल आए थे। बैठक में सभी नेताओं को महत्व देने और चुनावी साल में किसी भी तरह विवादों को शांत करने पर विचार किया गया। महत्वपूर्ण यह कि हर बैठक में मौजूद रहने वाले प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान और संगठन महामंत्री सुहास भगत इस बैठक में मौजूद नहीं थे।
विनय सहस्त्रबुद्धे V/S नंदकुमार सिंह चौहान
प्रदेश संगठन प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह के चौहान के काम से खुश नहीं हैं। नंदू भैय्या जिस तरह से प्रदेश के नेताओं की अनर्गल बयानों पर इन नेताओं का बचाव करते हैं, उससे कई बार सहस्त्रबुद्धे सहमत नहीं होते।
नंदकुमार सिंह चौहान V/S सुहास भगत, अतुल राय
प्रदेश के सह संगठन महामंत्री अतुल राय के तेवरों और कार्यशैली से प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान खुश नहीं है। आलम यह है कि प्रदेश भाजपा कार्यालय में होने के बाद भी दोनों नेताओं में कई बार बात तक नहीं होती। नगरीय निकाय के टिकट वितरण के दौरान भी दोनों नेताओं में असहमति की खबरें आई थीं। प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से भी चौहान की पटरी ठीक से नहीं बैठ रही है। राय को जिस तरह से भगत महत्व देते हैं वह प्रदेश अध्यक्ष को भा नहीं रहा है।
इन्होंने की शाह से शिकायत
अनूप मिश्रा: सांसद अनूप मिश्रा लंबे समय से मुरैना कलेक्टर को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा मुरैना में जिले से लेकर मंडल तक में उनसे बिना पूछे संगठन में हुई नियुक्तियोें से वे नाराज हैं। हाल ही में उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और संघ के उपप्रमुख भैयाजी जोशी से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
फग्गन सिंह कुलस्ते: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते भी प्रदेश में महत्व न मिलने से नाराज हैं। मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद उन्होंने संगठन में काम मांगा था। फग्गन अपने संसदीय क्षेत्र में हावी अफसरशाही की शिकायत केंद्रीय नेतृत्व तक कर चुके हैं।
रघुनंदन शर्मा: भाजपा के पूर्व सांसद और संगठन में विभिन्न पदों पर रह चुके रघुनंदन शर्मा ने हाल ही में अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी बात न सुने जाने की बात कही है।
मालवा के विधायक नाराज
सहस्त्रबुद्धे और सीएम के बीच इंदौर, मंदसौर, नीमच से किसी नेता को मंत्री न बनाए जाने को लेकर भी बात हुई। बताया जाता है कि इन जिलों के विधायकों ने सीधे केंद्रीय संगठन को पत्र लिखकर उपेक्षा की शिकायत की है।