मप्र नगरपालिका चुनाव: खड़ा हो गया ऊंट, किसी भी करवट बैठ सकता है | MP ELECTION REVIEW

भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए नगरपालिका चुनाव परिणाम (MUNICIPAL ELECTION RESULT) की जनादेश के आधार पर सरल शब्दों में समीक्षा की जाए तो आप कह सकते हैं कि मप्र में ऊंट खड़ा हो गया है, अब वो किसी भी करवट बैठ सकता है। जनता ने एक तरफ BJP का अतिआत्मविश्वास (OVERCONFIDENCE) तोड़ दिया तो दूसरी तरफ CONGRESS का मुगालता (MISCONCEPTIONS) भी जमीन चाटता नजर आया। कुल 19 परिषदों में सीधे चुनाव हुए। इनमें से 9 भाजपा को मिलीं, 9 कांग्रेस को और शेष बची एक जनता ने निर्दलीय को दे दी। 

भाजपा का अतिआत्मविश्वास क्या था
भाजपा के दिग्गज नेता इन दिनों अतिआत्मविश्वास का शिकार हैं। उनका कहना है कि मप्र में विकास की बाढ़ आ गई है। शिवराज सिंह से ज्यादा लोकप्रिय कोई नेता है ही नहीं। शिवराज सिंह की रैलियां जादू करतीं हैं। शिवराज सिंह के भाषण वोट खींच लाते हैं। चुनाव के दौरान सीएम शिवराज सिंह ने कई सभाएं और रैलियां कीं। बावजूद इसके 19 में से 9 पर सिमटकर रह गई। इस परिणाम को देखकर भी यदि कोई मिठाई बांट दे तो उसे आत्ममुग्ध ही कहा जाएगा। चौंकाने वाली बात तो यह है कि अनूपपुर की जैतहरी सीट से भाजपा ने एक ऐसे प्रत्याशी को टिकट थमा दिया जिसकी जीत की संभावनाएं ही नहीं थीं। नवरत्नी शुक्ला निर्दलीय मैदान में उतरीं तो उन्हे निष्कासित कर दिया। नंदकुमार सिंह को लगता होगा कि उनके निष्कासित कर देने से जनता भी निष्कासित कर देगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। भाजपा के हाथ से यह सीट फिसल गई। 

कांग्रेस का मुगालता क्या है
कांग्रेसी नेताओं ने इन दिनों एक अजीब सा मुगालता पाल लिया है। उन्हे लगता है कि मप्र में शिवराज सिंह विरोधी लहर चल रही है। वो कुछ भी नहीं करेंगे तब भी जीत जाएंगे। जमीनी हकीकत से दूर पीसीसी के कर्ताधर्ताओं ने नगरपालिका चुनाव में प्रत्याशियों का ऐलान भी लास्ट डेट पर किया गया। मुगालता देखिए कि बड़वानी की सेंधवा सीट पर एक दागी नेता के सामने कांग्रेस ने सरेंडर कर दिया। यहां कांग्रेस अपना प्रत्याशी ही नहीं उतार पाई। कांग्रेस का टिकट खुले मैदान में पड़ा था, किसी ने नहीं उठाया। कांग्रेस के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक शायद कुछ भी नहीं हो सकता। जनता ने 19 में से 9 सीटें देकर कांग्रेस को समझा दिया कि मुगालते में ना रहें, शिवराज सिंह विरोधी लहर से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित नहीं होती। 

कहां कौन जीता
धार के धरमपुरी में नगर पालिका अध्यक्ष शब्बीर खां ने भाजपा के प्रशांत वर्मा को हराया।
धार के धामनोद में अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा के दिनेश शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार विष्णु पाटीदार को हराया।
धार की मुख्य धार नगर पालिका में कांग्रेस के पर्वत सिंह ने भाजपा के अनिल जैन को कड़े मुकाबले में शिकस्त दी।
धार के पीथमपुर में भाजपा की कविता वैष्णव ने कांग्रेस की मुन्नी बाई को हराया।
धार के मनावर में कांग्रेस की संगीता पाटीदार ने भाजपा की मनुबाई पर जीत हासिल की।
धार के राजगढ़ में कांग्रेस के भंवर सिंह ने भाजपा के ज्ञानेंद्र सिंह को हराया।
धार के सरदारपुर में कांग्रेस के महेश ने भाजपा की रोमा को शिकस्त दी।
धार के कुक्षी से भाजपा के मुकाम सिंह ने कांग्रेस ने अर्जुन सिंह बघेल को हराया।
धार के डही से भाजपा के कैलाश कन्नौद ने कांग्रेस के रणसिंह जमरा को शिकस्त दी।
बड़वानी के पानसेमल में भाजपा की मीनाश्री शुक्ला ने कांग्रेस की मंजू बाई को हराया।
बड़वानी के राजपुर में भाजपा के मुकेश कुशवाह ने कांग्रेस के नानेश को शिकस्त दी।
बड़वानी के सेंधवा में भाजपा की बसंती बाई निर्विरोध चुनी गई।
बड़वानी के पलसूद में भाजपा की रमा ने कांग्रेस के सरदार को हराया।
बड़वानी के अंजड़ में कांग्रेस के संतोष ने भाजपा की आरती बंसल को शिकस्त दी।
बड़वानी के खेतिया में कांग्रेस की चंदन बाई ने भाजपा की शोभा निकुंभ पर जीत दर्ज की।
बड़वानी जिला मुख्यालय में कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह ने जीत हासिल की।
अनूपपुर की जैतहरी सीट पर भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ी नवरत्नी शुक्ला ने जीत दर्ज की. उन्होंने भाजपा की सुनीता जैन को हराया।
खंडवा के ओंकारेश्वर में भाजपा के अंतर सिंह ने कांग्रेस के दौलत सिंह को हराया।
गुना के राघौगढ़-विजयपुर से कांग्रेस की आरती शर्मा ने भाजपा की माया देवी को शिकस्त दी।

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