जिस्मफरोशी: 3 जिलों के एसपी को हाईकोर्ट का नोटिस | mp news

भोपाल। प्रदेश के तीन जिलों के 68 गांवों में संगठित रूप से चल रहे वेश्यावृति के रैकेट पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट इंदौर ने तीन जिलों के कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी किया है। इस मामले में प्रदेश भर के 17 अफसरों को दो जनवरी तक जवाब हाईकोर्ट में देना है। मामला मंदसौर, नीमच और रतलाम जिले से जुड़ा हुआ है। इस नोटिस के बाद तीनों जिलों के प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

नीमच जिले के आकाश चौहान ने एक याचिका इस संबंध में इंदौर हाईकोर्ट में लगाई है। जिसमें उसने आरोप लगाया है कि बांछड़ा जाति के लोग इसमें शामिल हैं। वहीं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि देश के अन्य राज्यों और हिस्सों से नाबालिग लड़कियां भी इसमें जुड़ गई है। याचिका में बताया गया है कि मंदसौर जिले में 38 गांव नीमच जिले में 24 गांव और रतलाम जिले के दस गांवों में यह व्यापार हो रहा है। इस मामले में लगी जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट ने नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। वहीं उज्जैन कमिश्नर से भी इस मामले में जवाब मांगा गया है।

पुलिस की दोनों तरफ मुसीबत
इस मामले में तीनों जिलों की पुलिस की मुसीबत कम नहीं है। पुलिस जब भी डेरों पर छापा डालती है तो उसकी शिकायत मानव अधिकार आयोग, राज्य महिला आयोग तक होती है। वहीं कार्रवाई नहीं करने पर भी उस पर उंगली उठती है। ऐसे में पुलिस इस मामले में हमेशा ही विवादों में रहती है।

देना है जवाब
एसपी नीमच टीके विद्यार्थी ने बताया कि नोटिस मिला है। जवाब दिये जाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि यहां पर बांछड़ा जाति के लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए आॅपरेशन ज्योति चलाया जा रहा है। इसके साथ ही पुलिस अफसर और कर्मी इनके बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए स्वयं पढ़ाने जाते हैं। रोजगार से जोड़ने के लिए एसबीआई बैंक से टाई अप भी किया गया है। वह भी प्रशिक्षण देता है।

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