भोपाल। 1.50 लाख से ज्यादा योग्य बेरोजगारों से नौकरियां छीनकर अयोग्यों को बांटने वाले व्यापमं घोटाले ने कई फर्जी डॉक्टर भी पैदा किए। उनका एडमिशन नियम विरुद्ध हुआ एवं उन्हे नकल कराकर पास कराया गया। देश भर की सुर्खियों में रहे इस घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डॉ.आनंद राय का कहना है कि सीबीआई ने कुछ रसूखदार प्राइवेट कॉलेज संचालकों पर शिकंजा कसरकर उम्मीद की एक किरण दिखाई है परंतु घोटाले की मास्टर माइंड मंडली तो अब भी बाहर है।
व्हिस्लब्लोअर डॉ.आनंद राय ने कहा कि हालांकि कुछ आशा की किरण दिख रही है कि कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम आरोप पत्र में हैं। मैं पूरे 592 आरोपियों की अग्रिम जमानत के खिलाफ याचिका तो नहीं लगा सकता, इसलिए मैंने चार लोगों के खिलाफ सांकेतिक रूप से अग्रिम जमानत की आपत्ति लगायी है, जिनमें पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के प्रमोटर एसएन विजयवर्गीय, चिरायु मेडिकल कॉलेज के प्रमोटर डॉ. अजय गोयनका, मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक एनएम श्रीवास्तव एवं पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के एक अधिकारी शामिल हैं।
ज्ञात हो कि व्यापमं मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को 592 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। व्यापमं मामले में कथित अनियमतितताओं के सिलसिले में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र में मध्य प्रदेश के चार निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रमुखों समेत 592 लोगों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है।
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रमोटर एलएन मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष जे एन चौकसे, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के एसएन विजयवर्गीय, चिरायु मेडिकल कॉलेज के अजय गोयनका और इंदौर स्थित इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश सिंह भदौरिया समेत अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। सीबीआई के आरोप पत्र में व्यापमं के तत्कालीन निदेशक पंकज त्रिवेदी समेत व्यापमं के चार पूर्व अधिकारियों को नामजद किया गया है।