संदीप विश्वकर्मा/पन्ना। अपनी भव्यता के कारण पन्ना शहर की शान बना महेन्द्र भवन अब हैरिटेज होटल में तब्दील हो जाएगा। पर्यटक यहां रॉयल लाइफ का आनंद उठा पाएंगे। बता दें कि महेन्द्र भवन पर पन्ना राज परिवार ने अपनी निजी संपत्ति होने का दावा किया था। कहा था कि उन्होंने इसे शासन को उपयोग के लिए किराए पर दिया था परंतु शासन ने उनका दावा खारिज कर दिया। फिलहाल यहां कलेक्ट्रेट आॅफिस लगता है लेकिन जल्द ही कलेक्टर आॅफिस की शिफ्टिंग हो जाएगी।
शिफ्टिंग के बाद महेंद्र भवन को हैरिटेज होटल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसको पुरातत्व विभाग को सौपा जाएगा। पन्ना कलेक्टर जेपी आइरन सिंथिया ने एसडीएम के प्रतिवेदन के आधार पर महेंद्र भवन में पन्ना राजपरिवार के दावे को खारिज करते हुए इसे शासकीय सम्पति करार दिया है। पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इसे हैरिटेज होटल में विकसित करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि पन्ना जिला घोषित होने साथ ही कलेक्ट्रेट का संचालन ऐतिहासिक महेंद्र भवन में हो रहा है। पूर्व में यहा पर कोर्ट भी संचालित होता था। कोर्ट बिल्डिंग बनकर तैयार होने बाद कोर्ट नवीन भवन में शिफ्ट हो गया। अब कलक्ट्रेट के लिए नवीन भवन बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही नवीन भवन शिफ्ट होने वाला है।
कलेक्ट्रेट के शिफ्टिंग के बाद भवन खाली हो जाएगा। मप्र के पर्यटन विकास विभाग द्वारा कलेक्ट्रेट के शिफ्टिंग पूर्व भवन को पुरातत्व बिभाग को सौपने को निर्देशित किया है। जिससे यहां पर्यटक गतिविधियों का विकास किया जा सके। इसे हैरिटेज होटल के रूप में विकसित किया जा सके।
निजी संपत्ति होने का किया था दावा
कलेक्ट्रेट ने इस सम्बन्ध में 28 अक्टूबर 2017 को जारी आदेश में बताया कि पर्यटन विभाग के एक पत्र में बताया गया कि राजपरिवार पैलेस पन्ना (राजपरिवार) के राघवेंद्र सिंह के द्वारा पुराने दस्तावेजो का हवाला देकर महेंद्र भवन को राजपरिवार की निजी संपत्ति होने का दावा किया था। यह भी कहा गया था कि भवन की व्यवस्था होने तक उक्त भवन शासकीय गतिविधियों के संचालन के लिए एक रुपये के मासिक किराए पर दिया गया है। राजपरिवार के दावे को कलेक्ट्रेट द्वारा एसडीएम के प्रतिवेदन के आधार पर खारिज कर दिया गया है।