BHOPAL: पिछले दो महीनों से जिले के कई गांवों में लोग बुखार, मलेरिया, टायफायड के बाद डेंगू की चपेट में हैं। इसके बाद स्वाइन फ्लू ने अपना असर दिखाना शुरु कर दिया लेकिन स्वास्थ्य विभाग का अमला इस बीमारी को पकड़ नहीं पाया। ऐसे में मरीजों को उनके परिजन सीधे भोपाल लेकर गए और उनका वहां पर इलाज हुआ। अभी तक जिले में स्वाइन फ्लू और डेंगू से 9 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू, चिकनगुनिया के लिए सभी अस्पतालों आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी दवाएं निशुल्क उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए है। यह दवाएं आयुर्वेद अस्पतालों के अलावा जिला एलोपैथिक अस्पताल में भी मिलेगी।
आयुष विभाग ने चिकनगुनिया के मरीजों को चिरायता और गुडुची का काढ़ा दिन में दो बार पीने, धनवटी और अमृता कैप्सूल और भरपूर पानी पीने का सुझाव दिया है। होम्योपैथिक चिकित्सा में यूकाटोरियम पर्फ 4 गोली, दिन में एक बार 7 दिन तक या 4-4 गोली दिन में दो बार 3 दिन तक देने की सलाह दी है। यूनानी चिकित्सा में दवाएं शफूफ अवयज, शफूफ तबाशीर, हब्बे मुबारक, हब्बे अरुगंध, हब्बे अजराकी और मुसफ्फी को चिकित्सक से परामर्श के बाद लेने की सलाह दी गई है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण आम फ्लू की तरह ही होते हैं, मसलन सर्दी, बुखार, जुकाम के साथ नाक से पानी आना, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द, डायरिया, उल्टी आना या जी मिचलाना, भूख न लगना, कमजोरी महसूस करना आदि।। अमूमन नॉर्मल फ्लू तीन से चार दिनों में ठीक हो जाता है, जबकि कुछ लोगों में इसका असर एक सप्ताह से अधिक रह सकता है। वहीं, स्वाइन फ्लू के लक्षण नॉर्मल फ्लू की तरह ही होते हैं, पर इसका असर 15 दिनों तक या उससे अधिक भी रह सकता है। स्वाइन फ्लू से निमोनिया का खतरा होता है, जिसका समय पर इलाज मुमकिन है.