पीड़िता से प्यार कर बैठा था पत्रकार, व्यापारी ने सुपारी किलर से कराई हत्या

मंदसौर /कमलेश सारड़ा। मप्र की मंदसौर पुलिस ने जेल से मालवा में चल रहे सुपारी किलिंग के एक बड़े रेकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह का सरगना आजम लाला प्रतापगढ राजस्‍थान की जेल में बैठ कर सुपारी उठाया करता था। इसी ने जेल से 50 लाख रूपए में पत्रकार कमलेश जैन को मारने की सुपारी ली थी और 31 मई 17 को आजम लाला के गुर्गो ने पिपलियामंडी में सरे आम पत्रकार कमलेश जैन की गोली मार कर हत्‍या कर दी थी। यह हत्‍या करोडों की बेशकीमती संपत्ति की वारिसी बचाने के लिये नामी कारोबारी सुधीर जैन ने करवाई थी। इसा ममले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने शूटर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पत्रकार कमलेश जैन की हत्‍या के बाद प्रारम्‍भ में मृतक के परिजनों द्वारा कमल सिंह, जसवंत सिंह, बंटी, जीतू उर्फ जितेन्‍द्र ढोली, इन्‍दर सिंह, बाबु उर्फ विक्रम सिंह एंव शकील नाम के व्‍यक्तियों से घटना के करीब एक माह पूर्व विवाद होने से संदेह व्‍यक्‍त किया जबकि जांच करने पर सब लोग अन्‍य जगह पर होना पाए गए थे। एफआईआर में नाम होने के बावजूद उन्‍हे गिरफ्तार नही किया गया प्रकरण की विवेचना हेतू टीम गठित की गई जिसमें गहनता से टीम द्वारा प्रत्‍येक बिन्‍दू पर अनुसंधान किया गया जो प्रथम दृष्‍टीया कमल सिंह, जयवंत सिंह, बंटी, जीतू उर्फ जितेन्‍द्र ढोली, इंदरसिंह, बाबू उर्फ विक्रम सिंह एंव शकील के घटना से समय पिपलिया मंडी में होने व घटना को अंजाम देने के सम्‍बन्‍ध में कोई साक्ष्‍य नही मिले व न ही कोई कमलेश जैन की हत्‍या किये जाने का कोई ठोस कारण सामने आया।

जिसके बाद पुलिस अपने मुखबिर तंत्र और सक्रिय कियें और पाया कि मृतक कमलेश जैन कुवारा व्‍यक्ति था व दंबग रूप से पत्रकारिता करता था इसके साथ ही काफी सक्रिय सामाजिक व्‍यक्ति भी था पिपलिया मंडी में नवीन पिता पारसमल जैन की मृत्‍यु होने के बाद उसकी विधवा पत्नि की शादी जेठ सुधीर जैन और देवर मनोज जेन अपनी स्‍वेच्‍छा से अपने किसी सम्‍पन्‍न रिश्‍तेदारों में करना चाहतें थें ताकि नवीन के हिस्‍से की सम्‍पत्ति सुधीर जैन की विधवा बहू को व उसके दो बच्‍चों को नही देना पडें 

लेकिन मृतक नवीन जैन की विधवा बहू ने शादी से मना कर दिया और सुधीर जैन व मनोज जैन ने अपनी प्रापर्टी में हिस्‍सा मांगने लगी जो सामाजिक दबाव के चलते दोनो भाई ने स्‍वेच्‍छा से सम्‍पूर्ण सम्‍पत्ति की आंशिक सम्‍पत्ति देकर अलग मंदसौर भेज दिया। यही से इस कहानी में नया मोड आया चूकि विधवा बहू को सम्‍पत्ति दिलाने की लडाई पत्रकार कमलेश जैन ने लडी थी और चूकि विधवा बहू मंदसौर में अकेली रहती थी तो वह धीरे धीरे पत्रकार कमलेश जैन के सम्‍पर्क में आ गई और दोनो यह तय किया कि दो जून 17 को वे शादी कर लेगें।

यह बात जैसे ही जेठ सुधीर जैन को पता चली कि उसके ही मोहल्‍ले का व्‍यक्ति सुधीर जैन की विधवा बहू से विवाह कर रहा है तो उसके होश उड गयें क्‍यो कि शादी होने के बाद विधवा के खाते में आई करोडो की सम्‍पत्ति पत्रकार कमलेश जैन की हो जायेगी बस इसी से सुधीर जैन का माथा ठनका, चूकि इस बात को पूरी पिपलिया मंडी जानती थी कि सुधीर जैन के जेल में बंद सुपारी किलर आजम पिता कय्युम लाला निवासी अखेपुर व गोपाल राठौर उर्फ संन्‍यासी निवासी नारायणगढ से घरेलू सम्‍बध है व इनकी बीच का काम धीरज पिता जसवंत अग्रवाल मिनाक्षी ढाबा पिपलियामंडी करता है।

पत्रकार कमलेश जैन की शादी अपनी विधवा बहू से सुनते ही सुधीर जैन ने पत्रकार कमलेश जैन को मारने की सुपारी 50 लाख रूपयें में जेल में बंद आजम लाला को दे दी और पांच लाख रूपयें बयाना भी दे दिया और यह कहा गया कि काम होतें ही बाकि का रूपया उसे मिल जायेगा जिसकी गायरटी मंदसौर जेल में बंद संन्‍यासी ने ली।

एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आजम लाला द्वारा सुपारी उठाये जाने के बाद उसके गुर्गो ने पत्रकार कमलेश जैन की रेकी कि सुधीर जैन और धीरज अग्रवाल लगातार जेल मे बंद आजम लाला और संन्‍यासी से मोबाइल पर सम्‍पर्क पर रहें और आखिरकार शूटर जेद लाला उर्फ रेहान व सलमान उर्फ सल्‍लु लाला ने 31 मई 17 को पिपलियामंडी में कमलेश जैन को उसके दफ्तर में गोली मार दी।

इस मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने शूटर जेद पिता आजम लाला निवासी अखेपूर राजस्‍थान, जेठ सुधीर जैन और मिनाक्षी ढाबा पिपलियामंडी के मालिक धीरज पिता जसवंत अग्रवाल को आईपीसी की धारा 302, 34 के तहत गिरफतार कर लिया बाकि आरोपियों की तलाश जारी है।

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