अतिशेष से बचने अध्यापक की यूनिक ID ही डीलिट कर दी

Bhopal Samachar
कटनी। शिक्षा विभाग में एक नया घोटाला सामने आया है। यह घोटाला संकुल स्तर पर हुआ है। यहां एक स्कूल में छात्रों की तुलना में अध्यापकों की संख्या अधिक थी अत: अतिशेष की लिस्ट में आने से बचने के लिए एक अध्यापक की यूनिक आईडी ही डीलिट कर दी गई। स्वभाविक है अधिकारियों को ना तो यहां कोई अतिशेष मिला और ना ही युक्तियुक्तकरण हुआ। हां एक अध्यापक की 6 माह से वेतन जरूर रुकी रही जो अब जारी हो रही है। 

यह पूरा कारनामा कटनी जिले के ढीमरखेड़ा संकुल केंद्र के अधिकारी और बाबुओं का है। जिन्होंने संकुल के प्राथमिक शाला करौंदी में पदस्थ सहायक अध्यापक मनोहर डेहरिया की यूनिक आईडी और ई सर्विस बुक समेत उक्त शिक्षक की कर्मचारी होने की पहचान ही पोर्टल से डिलीट कर दी। जिसका जनवरी 2017 तक का नियुक्ति के बाद से नियमित वेतन का भुगतान होता आया है लेकिन फरवरी 2017 से शिक्षक की आईडी ही पोर्टल से खत्म कर दी गई। जिसके बाद से जुलाई तक का वेतन ही नही हो सका। इस पूरे वाक्या की जानकारी शिक्षक ने अपने संकुल और जनपद शिक्षा केन्द्र के समस्त अधिकारी कर्मचारियों को कई बार दे चुका है लेकिन पीड़ित शिक्षक की कोई सुनने वाला ही नही है। 

जुलाई 2013 में हुई थी नियुक्ति
मनोहर डेहरिया की नियुक्ति 8 जुलाई 2013 को हुई थी। जिनकी प्रथम पदस्थापना ढीमरखेड़ा संकुल के प्राथमिक शाला करौंदी में हुई थी। यूनिक आईडी BY3120 है। संविलियन जुलाई 2016 में हो चुका है और इसी आईडी से ही अध्यापक को वेतन भुगतान किया जा रहा था लेकिन अचानक ही फरवरी 2017 से शिक्षक की आईडी को डीलिट कर दिया गया और वेतन होना भी बंद हो गया। 

अतिशेष से बचाने किया कारनामा
करौंदी शाला में ही पदस्थ एक शिक्षक भोलाराम कोरी का नाम अतिशेष की सूची में था। जिसे व्यक्तिगत लाभ देते हुये पदस्थ शिक्षकों में सहायक अध्यापक डेहरिया का नाम और पदस्थापना ही डिलीट कर दी गयी। जिससे करौंदी शाला में शिक्षकों की संख्या बच्चों की दर्ज संख्या के अनुपात से सही हो जाये और कोई भी शिक्षक अतिशेष में न आने पाए। 

छः माह से वेतन नही मिला
करौंदी शाला में पदस्थ मनोहर डेहरिया मूलतः सिवनी जिले के निवासी हैं जो कटनी जिले के ढीमरखेड़ा संकुल में पदस्थ हैं और उमरिया पान में किराए के मकान में रहकर नियमित शाला में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन अचानक ही पोर्टल से उनके पदस्थापना संबन्धी सारी जानकारी डिलीट कर दी गयी। जिसके बाद से उनका वेतन का भुगतान फरवरी माह से  बन्द कर दिया गया है जिससे उक्त अध्यापक को मानसिक और आर्थिक रूप से लगातार संकुल द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। जिसके सुधार के लिए विभाग के संबंधित अधिकारियों को अनेको बार लिखित रूप से आवेदन भी दिया जा चुका है लेकिन किसी ने भी शिक्षक की समस्या को सुनना उचित नही समझा है।

इनका कहना है-
"अतिशेष से बचने के लिए अध्यापक के किसी खास व्यक्ति ने उनकी यूनिक आईडी ही बंद करा दी थी। जिसकी जानकारी पीड़ित शिक्षक की शिकायत के बाद पता चली। जिसके बाद मैंने जिला शिक्षा कार्यालय से शिक्षक की नई यूनिक आईडी पोर्टल पर दर्ज कराई। फरवरी से अभी तक के  भुगतान का बिल भी भेज दिया गया है। दो-तीन दिन के भीतर शिक्षक का पूरा भुगतान हो जायेगा
रामसिया बघेल,
बीईओ ढीमरखेड़ा

पोर्टल से यूनिक आईडी गायब हो जाने और फरवरी माह से भुगतान नहीं होने की शिकायत शिक्षक के द्वारा की गई थी। जिसके बाद अध्यापक की नई यूनिक आईडी जनरेट कर दी गई।अब शिक्षक का भुगतान समय होगा।"
एस एस सैयाम,
संकुल प्राचार्य ढीमरखेड़ा
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!