10 मिनट पहले आई डॉक्टर ने आॅपरेशन रुकवा दिया, शिशु गर्भ में ही मर गया

बैतूल। प्रसूता को समय रहते अस्पताल में दाखिल करा दिया गया था। महिला डॉक्टर ने जांच भी कर ली थी और आॅपरेशन की तैयारी भी हो गई थी तभी अचानक 2 महिला डॉक्टरों के बीच विवाद हो गया। इस विवाद के कारण प्रसव एक दिन के लिए टाल दिया गया और जन्म के लिए तड़प रहे शिशु की गर्भ में मौत हो गई। गर्भवती महिला की 5 साल के लंबे इंतजार के बाद गोद भरने वाली थी लेकिन डॉक्टरों की आपसी राजनीति के कारण वो फिर सूनी रह गई। 

स्त्री रोग विभाग और प्रसूति सिस्टम की अव्यवस्थाओं को लेकर बदनाम जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। गर्भ में ही शिशु की मौत के मामले में स्त्री रोग विशेषज्ञ की लापरवाही सामने आई है। इसके बाद जिला अस्पताल में हंगामा मच गया। प्रसूता नाजिमा शेख के पति रसीद ने बताया कि शादी के पांच साल बाद उसके यहां किलकारियां गूंजने की आस पूरा परिवार लगाए हुए था। लेबरपेन होने के बाद उन्होंने पत्नी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।

अस्पताल की डॉ. प्रतिभा रघुवंशी ने पेट में बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए बुधवार रात में ही सीजर ऑपरेशन करने के लिए तैयारी कर ली थी। रसीद ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के कुछ देर पहले ही डॉ. संध्या नेमा आई और उन्होंने डॉ. रघुवंशी को ऑपरेशन करने से मना कर दिया। दोनों महिला डॉक्टर का ऑपरेशन लेकर विवाद भी हुआ।

रसीद के मुताबिक, गुरुवार सुबह जब सीजर किया गया, तो बच्चा मरा पैदा हुआ। परिजनों ने बच्चे की मौत के लिए डॉ. संध्या नेमा को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले को कलेक्टर शशांक मिश्रा ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक बारंगा को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डॉ. बारंगा ने बताया कि जांच की जा रही है।

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