मंत्री बनने के लिए अपनी संपत्ति लालू के नाम करना पड़ता है | BIHAR

सुजीत झा/नईदिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर हमला जारी है। पिछले 23 दिनों में आठ प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी ने लालू यादव और उनके परिवार की संपत्ति का खुलासा किया। उन्होंने मिट्टी घोटाले के बाद अब टिकट और केंद्रीय मंत्री बनाने के बदले जमीन और मकान लिखवाने का आरोप आरजेडी अध्यक्ष पर लगाया गया। सुशील मोदी ने पहले रघुनाथ झा को मंत्री बनाने के लिए लालू प्रसाद यादव पर उनकी गोपालगंज स्थित जमीन और मकान लिखाने का आरोप लगाया था।

ताजा मामला पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांति सिंह का है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मोदी का आरोप है कि लालू ने कांति सिंह को मंत्री बनाने के लिए 30 कठ्ठा जमीन 99 साल के लीज पर लिया। मोदी ने दास्तावेज पेश करते हुए कहा कि 13 मार्च 2006 को कांति सिंह से राबड़ी देवी के नाम पर 95 डिसमिल यानी 30 कठ्ठा जमीन लीज पर ली गई। दानापुर के सगुना मोड पर करोड़ों रुपये की इस जमीन पर लालू प्रसाद यादव की गौशाला है, जिसका किराया सिर्फ 1250 रुपये है और जिस पर लालू परिवार का कब्जा 2105 तक रहेगा। हालांकि इसका किराया और टैक्स का शुल्क कांति सिंह को ही वहन करना है।

सुशील मोदी ने सवाल उठाया कि आखिर कांति सिंह ने रघुनाथ झा की तरह अपनी करोड़ों रुपये संपत्ति को राबड़ी देवी को क्यों सौंपी? उनका आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने साल 2004 से 2009 के यूपीए-1 की सरकार में कांति सिंह को मानव संसाधन और भारी उद्योग पर्यटन जैसे विभाग का मंत्री बनाकर रखा। रघुनाथ झा और कांति सिंह जैसे लोगों को केंद्रीय मंत्री बनाने के लिए अपनी कीमती संपत्ति मजबूरन लिखनी पड़ी थी।

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