अध्यापकों की मांग पर शिक्षामंत्री ने ठहाके लगाए और चुप हो गए | ADHYAPAK

भोपाल। मध्यप्रदेश के शिक्षामंत्री विजय शाह ने अध्यापकों का जैसा मजाक बीते रोज उड़ाया। यह शायद एतिहासिक ही था। ज्ञापन लेकर आए अध्यापकों ने जब शिक्षा मंत्री से कहा कि जब सारा काम शिक्षा विभाग से हो रहा है तो संविलियन के आदेश भी जारी कर दिए जाने चाहिए। इस पर शिक्षामंत्री ने ठहाके लगाए और चुप हो गए। कुछ इस तरह जैसे असंभव जैसी कोई मांग सामने रख दी हो। 2 माह से अटके वेतन के मामले में भी उन्होंने कोई मदद नहीं की।

मंडला में गत दिवस स्कूल शिक्षामंत्री कुंवर विजय शाह के आगमन पर सर्किट हाउस में राज्य अध्यापक संघ के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा। संघ के पदाधिकारियों ने शिक्षा विभाग के मंत्री से अध्यापकों के शिक्षा विभाग में मर्ज करने की मांग उठाई। कहा कि अध्यापकों की समस्त नीतियां जब शिक्षा विभाग तैयार करता है फंडिंग भी शिक्षा विभाग से है तो फिर अध्यापकों की सेवाएं शिक्षा विभाग में मर्ज की जानी चाहिये। 

अध्यापकों की इस मांग पर मंत्री जी ने ठहाके लगाए और चुप हो गए। शिक्षा विभाग में संविलियन पर कुछ नहीं बोला। अध्यापकों ने जब दो महीने से वेतन न मिलने की मांग की तो मंत्री जी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि आप ट्रायवल विभाग के हैं और मैं स्कूल शिक्षा विभाग का। संघ के पदाधिकारियों ने युक्तियुक्तकरण की गलत नीतियों को जिक्र विस्तार से लिखे ज्ञापन के साथ किया तो मंत्री जी पहले तो ज्ञापन की एक एक लाइन पढ़ी और अंत में कहा कि जहां गलत है आनॅ लाइन दावा आपत्ति प्रस्तुत करें। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रकाश सिंगौर, सुनील नामदेव, नरेश सैयाम, भजन लाल गवले मुकेश बैरागी, ब्रजेश डोंगसरे आदि अध्यापक उपस्थित थे।

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