जम्मू-कश्मीर के आर्मी कैंप पर फिदायीन हमला, 1 कैप्टन समेत 3 जवान शहीद

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के आर्मी कैंप पर गुरुवार को फिदायीन हमला हो गया। हमला एलओसी के पास चौकीबल के पंजगाम में हुआ। आर्मी ने 2 आतंकियों को मार गिराया। हमले में एक कैप्टन समेत 3 जवान शहीद हो गए। अभी भी दो हमलावरों के छिपे होने की बात कही जा रही है। आतंकियों ने सुबह 4 बजे के आसपास आर्मी कैंप में घुसने की कोशिश की थी। इस बीच, अलगाववादी नेता असिया अंद्राबी को भी गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि पंजगाम, श्रीनगर से 87 किमी तो पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की राजधानी से करीब 74 किमी दूर है। इससे पहले मार्च में कुलगाम में सीआरपीएफ के कैम्प पर आतंकी हमला हुआ था। 

9 अप्रैल को श्रीनगर में हुए बाईइलेक्शन के बाद से घाटी में तनाव है। चुनाव के दौरान भड़की हिंसा में 8 लोग मारे गए थे। इसके बाद 32 बूथों पर रीपोलिंग कराई गई थी। 24 अप्रैल को पुलवामा जिले में सोमवार को पीडीपी के एक डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट अब्दुल गनी डार पर कुछ आतंकियों ने फायरिंग की, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।
17 अप्रैल को भी आतंकियों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़े एक वकील की शोपियां जिले में हत्या कर दी गई थी। 26 मार्च, 2017 को कुलगाम में भी आतंकी हमला हुआ था। इसमें सीआरपीएफ कैंप पर गोलियां बरसाई गई थीं।
23 फरवरी को शोपियां में आर्मी की पैट्रोलिंग पार्टी पर हुए आतंकी में 3 जवान शहीद हो गए थे। फरवरी में ही हंदवाड़ा में आतंकियों से साथ हुए एनकाउंटर में एक मेजर सतीश दहिया और 3 जवान शहीद हो गए थे।

पिछले साल उड़ी में हुआ था हमला
18 सितंबर, 2016 को उड़ी के आर्मी ब्रिगेड के हेडक्वार्टर पर भी 4 आतंकियों ने हमला किया था। उस वक्त जवान सो रहे थे। हमले में 20 जवान शहीद हो गए थे। चारों आतंकियों को मार गिराया गया था। 28-29 सितंबर की दरमियानी रात कमांडोज ने पीओके में घुसकर आतंकियों के कैंप पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था। इसमें करीब 50 आतंकी मारे गए थे।

सबको खत्म करना होगा: सहवाग
पंजगाम हमले को लेकर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया, "हमारे 3 जवान शहीद हो गए। 3 परिवारों के सपने चूर हो गए। ये सब तब हुआ, जब हम सो रहे थे। अब कोई भी रास्ता हो, इन सबको खत्म कर देना चाहिए।

भारतीय सुरक्षा बलों पर पिछले एक साल में हुए जानलेवा हमले
जनवरी 2016: पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन जो भारतीय आर्मी फोर्स का पश्चिमी भाग है, यहां भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के द्वारा हमला किया था। जिसमें तीन आर्मी जवानों की जानें गई थीं लेकिन इन जवानों ने बहादुरी से लड़ते समय चार आतंकवादियों को मार भी गिराया। ये आतंकवादी इस्लामिक मिलिटैंट समूह जैश-ए-मोहम्मद से संबंध रखते थे।

18 सितंबर, 2016
जम्मू कश्मीर के उड़ी बारामूला में भारतीय आर्मी फोर्स पर किये गए सबसे खतरनाक हमलों में से एक, जिसमें 19 सैनिक मारे गए थे। 18 सितंबर 2016 को उरी में बारामूला के नजदीक एलओसी पर हुआ ये एक फिदायीन हमला था। 

उड़ी आतंकवादी हमले में बड़ी संख्या लोग हताहत हुए थे। ऐसा इसलिये हुआ था क्योंकि उस समय डोगरा रेजिमेंट के बहुत से सैनिक शिविर में तंबू और अन्य अस्थायी ढांचे में तैनात थे। इसी समय हमले के दौरान कुछ तंबू में आग लग गए, जो बैरक के अन्य भागों में भी फैल गई।

भारत ने 29 सितंबर, 2016 को पाकिस्तानी-प्रशासित आज़ाद कश्मीर में नियंत्रण रेखा के आतंकवादी लॉन्च पैड के खिलाफ एक सर्जिकल स्ट्राइक भी किया था। जिसमें आतंकियों को निष्प्रभावी बनाया गया था उड़ी में हुए हमले में भी आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद का हाथ माना जा रहा था। 

29 नवंबर 2016
जम्मू कश्मीर के नागरोटा में हुए इस आतंकवादी हमले में दो मेजर सहित सात सैनिकों की हत्या हो गई थी। इस हमले में आतंकवादी पुलिस के वेष में आए थे, और 12 घंटों से अधिक समय तक ये लड़ाई चली थी।

5 दिसंबर 2014
उत्तरी कश्मीर के उड़ी के सेना हेडक्वार्टर में हुए भीषण आतंकी हमले में 17 जवान मारे गए थे और 19 दूसरे अधिकारी घायल हो गए थे। इस ऑपरेशन में छह आतंकवादी भी मारे गए थे।

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