माता-पिता का अपमान करने वाली संतान संपत्ति से बेदखल: HIGH COURT

नई दिल्ली। समाज में फैली अव्यवस्थाओं पर समय-समय पर देश की अदालतें महत्वपूर्ण फैसले सुनाती रही हैं। इस कड़ी में अब दिल्ली हाईकोर्ट ने माता-पिता की संपत्ति पर एक बड़ा फैसला सुनाया है। घर में रहते हुए अपने माता-पिता के साथ दुर्व्यहार करने वाली संतानों को संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि घर में रह रहे परिजनों को उस पर कब्जा करने की आवश्कता नहीं है। साथ ही यह भी कहा है कि घर में रहने के दौरान अगर संतान चाहे बेटा हो फिर बेटी माता-पिता से दुर्व्यहार करता है तो उसे घर से बेदखल किया जा सकता है। 

यह है मामला
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला सिविल लाइन्स में रहने वाले एक शराबी शख्स की याचिका पर दिया है। शख्स ने ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें माता-पिता से दुर्व्यहार करने पर उसे घर से बेदखल करने का फैसला दिया था। शख्स के माता-पिता अब भी सिविल लाइन्स इलाके में ही रहते हैं। 

धारा 23 के मुताबिक, बच्चे अगर अपने मां-बाप और बुजुर्गों की देखभाल करने में असफल होते हैं तो ऐसी स्थिति में मां-बाप संपत्ति का हस्तांतरण कर दोबारा संपत्ति के हकदार हो सकते हैं।
कानून में प्रावधान है कि अगर बच्चे देखभाल का भरोसा देकर संपत्ति हथियाने की कोशिश करते हैं तो वैसी स्थिति में बुजुर्ग दोबारा संपत्ति को अपने नाम पर हस्तांतरित कर सकते हैं।
मेंटीनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट,2007 आंध्र प्रदेश, असम, दिल्ली, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, नागालैंड, राजस्थान और त्रिपुरा में अधिसूचित है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !